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यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध पर एक ही रेखा हो
ज्योतिषशास्त्र में व्यक्ति का भाग्य जानने के बहुत से तरीके बताए गए हैं। कुछ लोग अपना भविष्य जानने के लिए जन्मकुंडली दिखवाते हैं तो कुछ टैरो कार्ड रीडिंग के जरिए अपने भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जानने का प्रयास करते हैं। हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार व्यक्ति की हाथ पर बनी रेखाएं और निशान भी उसके भाग्य और आने वाले समय के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, हाथ पर बनी रेखाएं और पर्वत हमारे जीवन में होने वाली शुभ और अशुभ स्थितियों की ओर इशारा करती हैं। हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार हथेली पर कुछ रेखाओं का बनना अशुभ संकेत माना जाता है। आज के इस लेख में हम आपको बतांएगे कि हाथ में कैसी रेखाओं का होना अशुभ माना जाता है -
हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, यदि किसी के हाथ में छोटी-छोटी बहुत सारी लकीरें हों तो उस व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भरा हुआ होता है।
यदि किसी की हथेली के दोनों मंगल पर्वत दबे हुए दिखाई दें तो यह शुभ संकेत नहीं है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कोई उपलब्धि हासिल नहीं कर पाता है।
हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, यदि हाथ में हृदय रेखा दो भागों में बंटी हो तो व्यक्ति को हृदय रोग होने का खतरा रहता है।
हाथ में कनिष्ठा यानि सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है जो व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता के बारे में संकेत देता है। यदि बुध पर्वत पर रेखाओं की जाली हो तो यह अशुभ माना जाता है। इसकी वजह से बुद्धि संबंधी कामों में बाधाएं आती हैं।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध पर एक ही रेखा हो और वह भी अधूरी हो तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन नीरस होता है और इनके जीवन कोई उत्साह नहीं होता है।
जिन लोगों के हाथ में बुद्ध पर्वत चपटा होता है उन्हें समाज में मान-सम्मान नहीं मिल पाता है। ऐसे लोग दिमाग से जुड़े काम में सफल नहीं हो पाते हैं।
यदि हथेली में दो से अधिक राहु रेखाएं मिलकर मस्तिष्क रेखा पर जाकर द्वीप बनाएं तो इसे अशुभ माना जाता है। इससे वंश में या फिर परिवार में किसी की असमय मृत्यु का भय रहता है।
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Apurva Srivastav
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