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ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति का दाहिना कान फड़कता है
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शरीर के अलग-अलग अंगों के फड़कने का अलग-अलग अर्थ होता है। तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में अंगों के फड़कने के बारे में विस्तार से बताया है। समुद्रशास्त्र के अनुसार हमारा शरीर बहुत संवेदनशील और शक्तिशाली होता है और यह भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पहले ही संकेत देता है। माना जाता है कि शरीर के कुछ अंगों का फड़कना शुभ घटनाओं का संकेत देते हैं तो कुछ अंगों का फड़कना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि शरीर के अलग-अलग अंगों के फड़कने का क्या मतलब होता है -
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पुरुषों का बायां और महिलाओं का दाहिना अंग फड़कना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि यदि पुरुषों की बाईं और महिलाओं की दाहिनी आँख फड़के तो ऐसा होने पर कोई दुखद समाचार सुनने को मिलता है। वहीं इसके विपरीत, अगर पुरुषों की दाईं और महिलाओं की बाईं आँख फड़के तो कहीं से कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि व्यक्ति के दोनों गाल एक साथ फड़कते हैं तो इसे शुभ माना जाता है। माना जाता है कि गाल फड़कने का मतलब है कि आपको कहीं से धन लाभ मिलने वाला है।
ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति का दाहिना कान फड़कता है तो इसका मतलब है कि उसे भविष्य में कोई शुभ समाचार प्राप्त होने वाला है। ऐसा माना जाता है कि दाहिना कान फड़कने का मतलब व्यक्ति को कोई उच्च पद प्राप्त होगा।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि दायां कंधा फड़कता है तो इसका मतलब आपको जल्द ही कहीं से धनलाभ होने वाला है। वहीं, बायां कंधा फड़कने का मतलब आपको रक्त विकार हो सकता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि किसी का माथा फड़कता है तो इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति को जल्द ही भौतिक सुख-साधनों का लाभ होगा। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी का माथा फड़क रहा हो तो उसे भविष्य में मान-सम्मान मिलेगा।
ऐसा माना जाता है कि यदि किसी का दाहिना अंग फड़कता है तो इसका मतलब व्यक्ति को जल्द ही सोने का आभूषण मिलने वाला है। वहीं, बायां घुटना फड़के तो इसका मतलब आपके सारे काम बिना किसी रुकावट पूरे हो जाएंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की हथेली फड़क रही हो तो इसका मतलब आपको जल्द ही धनलाभ होने वाला है। अगर आप पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाना चाहती हैं तो भरपूर मात्रा में पानी पिएँ। पीरियड्स के दौरान हमारे शरीर से खून के साथ-साथ कुछ मात्रा में पानी भी निकल जाता है। शरीर में पानी की कमी से दर्द और ऐंठन ज़्यादा बढ़ सकती है।
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Apurva Srivastav
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