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Benefits of EkMukhi Rudraksha 2023 : रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. क्योंकि भगवान शिव अपने गले और भुजाओं में इसी रुद्राक्ष को धारण करते हैं. इसे धारण करने से भोलेनाथ की असीम कृपा बनी रहती है. यहां तक कि जो व्यक्ति भगवान शिव के भक्त होते हैं, वह एकमुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि एकमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के आंखों से पहली बार एक आंसु का बूंद नीचे गिरा था, जिससे रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई. यह रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ होता है. इसे सब लोग धारण नहीं कर सकते हैं. अगर कोई जातक एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहता है, तो इससे पहले उसे एकमुखी रुद्राक्ष के नियम, महत्व, धारण करने की विधि क्या है, असली और नकली रुद्राक्ष के बारे में जानना बेहद जरूरी है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि, महत्व, नियम और असली रुद्राक्ष पहचानने के बारे में विस्तार से बताएंगे.
एकमुखी रुद्राक्ष क्या होता है?
एकमुखी रुद्राक्ष ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस’ नामक एक पेड़ से प्राप्त होता है, जिसका फल नीचे गिरने के बाद उसके अंदर से एक बीज निकलती है, जिसे रुद्राक्ष कहा जाता है. इस बीज में मात्र 12 धारियां होती हैं. वहीं, जिस रुद्राक्ष में केवल एक धारिया हो, जिसका आकार गोलाकार या फिर अर्ध चंद्र जैसा हो, वह एकमुखी रुद्राक्ष कहलाता है. ये बहुत ही दुर्लभ होती है, इतनी आसानी से नहीं पाई जाती है. यही कारण है कि बाजार में इसे काफी ऊंची कीमत में बेचा जाता है.
रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. एकमुखी रुद्राक्ष दो तरह के होते हैं, एक काजू की तरह और एक गोल आकार का होता है. यह रुद्राक्ष हल्का सफेद या फिर पीला रंग का होता है. पीला रुद्राक्ष क्षत्रिय लोग पहनते हैं. लाल रुद्राक्ष वेश्या पहनते हैं और काला रुद्राक्ष शुद्र धारण करते हैं. सबसे उत्तम श्रेणी का रुद्राक्ष नेपाल में पाया जाता है. इसके अलावा भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया में भी पाया जाता है.
ऐसे पहचानें नकली रुद्राक्ष
आज के समय कई लोग नकली रुद्राक्ष बेचते हैं. आपको बाजार में असली और नकली दोनों तरह की रुद्राक्ष मिल जाएगी. दरअसल, एक मुखी रुद्राक्ष पर केवल एक धारियां होती है. जो बहुत ही दुर्लभी मानी जाती है. जिस कारण बाजार में काफी ज्यादा कीमत पर बिकता है. इसके अलावा रुद्राक्ष लोग लकड़ी के भी बनाकर बेचते हैं. लकड़ी के बने रुद्राक्ष में नाग या फिर त्रिशूल की आकृती बनाकर बाजार में ग्राहकों के लिए बेचे जाते हैं. इसलिए इन बातों का खास ध्यान रखें.