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सिंधि समाज का सबसे बड़ा पर्व चालिया महोत्सव 2022 इस साल 16 जुलाई से शुरू होगा
सिंधि समाज का सबसे बड़ा पर्व चालिया महोत्सव 2022 इस साल 16 जुलाई से शुरू होगा. चालिया महोत्सव 40 दिन तक चलेगा, जो 24 अगस्त 2022 को समाप्त होगा. चालिया महोत्सव के दौरान सिंधि समाज के लोग अपने इष्ट देवता झूलेलाल की विशेष पूजा कर व्रत रखते हैं. इस दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. आइये जानते हैं आचार्य गुरमीत सिंह से चालिया महोत्सव की खास बातें.
क्या है चालिया महोत्सव?
सभी समाज के अपने अपने त्योहार होते हैं. उसी तरह चालिया महोत्सव सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व है. चलिया महोत्सव के दौरान सिंधी लोग मंदिरों में झूलेलाल की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिरों में विशेष लोक संगीत और भजन, भक्ति गीतों के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
बता दें कि भगवान झूलेलाल को बहराना साहिब के नाम से भी जाना जाता है. बहराना साहिब में ज्योत (एक लौ), मिश्री, फोटा (इलायची), फल, लौंग और अखो शामिल हैं. मिट्टी के बर्तन में नारियल के साथ पकड़कर, कपड़े, फूल और भगवान झूलेलाल की मूर्ति के साथ बहराना साहिब की पूजा की जाती है.
झूलेलाल की कहानी
मान्यताओं के अनुसार, झूलेलाल वरुण देव के अवतार हैं. सिंध के शासक मिरखशाह के अत्याचारों से मुक्ति के लिए सिंधी समाज ने 40 दिन तक उपवास किया था. तब भगवान झूलेलाल प्रकट हुए और उनको कहा कि आज से 40 दिन बाद जन्म लेकर मिरखशाह के अत्याचारों से मुक्ति दिलाएंगे. यही वजह है कि सिंधी समाज 40 दिन तक झूलेलाल का जन्मोत्सव मनाता है. मान्यता है कि जब बाढ़ ने मोहनजोदड़ो की सभ्यता को अपनी चपेट में ले लिया, तब प्रभु ने बचाया था. इनके कई किस्से-कहानियां भी प्रचलित हैं.
15 जुलाई को रखा जाएगा व्रत
सिंधी चालिया महोत्सव 16 जुलाई 2022 से 24 अगस्त 2022 तक चलेगा. चालिया व्रत 15 जुलाई 2022 की रात्रि से रखा जाएगा. इस दौरान मंदिरों में विशेष सजावट की जाएगी. मंदिरों में भजन, कीर्तनों का आयोजन होगा. भगवान झूलेलाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. मंदिर में सुबह-सुबह अखंड पाठ साहिब का शुभारंभ किया जाएगा. इस दौरान कई तरह के विशेष कार्यक्रम होंगे.
Ritisha Jaiswal
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