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कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने और शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने और शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. ऐसे ही किसी भी ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को उसी ग्रह संबंधित दोष लगता है. जैसे मंगल कमजोर होने पर व्यक्ति की कुंडली में मांगिलक दोष उत्पन्न हो जाता है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष विवाह में दिक्कत पैदा करता है.
ऐसे में कुंडली में मांगलिक दोष को कम करने के लिए मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. मूंगा रत्न काफी प्रभावशाली होता है. किसी भी जातक की कुंडली में मंगल के प्रभाव को सकारात्मक करने के लिए मूंगा रत्न धारण करना अहम माना गया है. रत्न शास्त्र के अनुसार मूंगा रत्न मानसिक, शारीरिक समस्याओं और अन्य बाधाओं को दूर करने में सहायक है. आइए जानें मूंगा रत्न के फायदों के बारे में.
जानें मूंगा का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होने पर कितने रत्ती का मूंगा धारण करना चाहिए, ज्योतिष से सलाह के बाद ही धारण करे. मान्यता है कि मूंगा धारण करने से व्यक्ति का मंगल दोष शांत होता है और मांगलिक कार्यों की संभावनाएं बनने लगती हैं. इससे सकुशल विवाह पूरा होता है. मंगलिक कार्यों ही नहीं बल्कि अपयश, आपदाओं और दुर्घटनाओं आदि से मुक्ति मिलती है.
मूंगा धारण करने की विधि
किसी भी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष होने पर व्यक्ति को मूंगा धारण करना चाहिए. मूंगा तांबे या फिर सोने की अंगूठी में धारण किया जाता है. इसे धारण करने से पहले इसकी धारण करने की विधि के बारे में जान लेना जरूरी है. मूंगा धारण करने से पहले मूंगा लाकर सोमवार की रात दूध और गंगाजल को मिलाकर इसके मिश्रण में डाल दें. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के बाद इसे साफ करके तर्जनी या फिर अनामिका उंगली में पहन लें.
Teja
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