धर्म-अध्यात्म

आज रंगों का त्योहार होली करें हनुमान जी और माता लक्ष्मी की पूजा आरती

Ritisha Jaiswal
18 March 2022 1:57 PM GMT
आज रंगों का त्योहार होली  करें हनुमान जी और माता लक्ष्मी की पूजा आरती
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आज रंगों का त्योहार होली मनाई जा रही है. होली के दिन संकटमोचन हनुमान जी और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए

आज रंगों का त्योहार होली मनाई जा रही है. होली के दिन संकटमोचन हनुमान जी (Hanuman Puja On Holi) और माता लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja On Holi) करनी चाहिए. हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट मिट जाते हैं. हनुमान जी के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता मिलती है. वहीं माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है. आज आप स्नान के बाद पूजा करें. उस ​दौरान हनुमान जी और माता लक्ष्मी की आरती विधिपूर्वक करें.​ विधि विधान से आरती करने पर देवी देवता प्रसन्न होते हैं. आरती करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है. मन के विकार दूर होते हैं, मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता आने से घर की उन्नति होती है. आइए जानते हैं हनुमान जी की आरती और माता लक्ष्मी की आरती के बारे में.

हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
माता लक्ष्मी की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
जिस घर में तुम रहती,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।। ओम जय लक्ष्मी माता…
माता लक्ष्मी की जय…माता लक्ष्मी की जय…माता लक्ष्मी की जय।


















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