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धर्म-अध्यात्म
आज है विनायक चतुर्थी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
Teja
3 Jun 2022 8:00 AM GMT
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आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी है। विनायक चतुर्थी व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी है। विनायक चतुर्थी व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस व्रत का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग होने से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है।
इस पावन दिन विधि-विधान से भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से विघ्नहर्ता की भक्तों पर हमेशा कृपा बनी रहती है। भगवान श्रीगणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
आज विनायक चतुर्थी के मौके पर वृद्धि, ध्रुव, सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों में इन योगों को बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:23 से शाम 07:05 बजे तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
स्नानादि करके लाल या पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके बाद अब पूजा स्थल पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें तथा उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएं।
- अ उनकी अति प्रिय चीज दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान अर्पित करें. अब गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में प्रणाम कर प्रसाद वितरण करें और पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत का पारण करें।
- पारण के दिन सुबह पुनः भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें।
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी व्रत में गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। विधि विधान से पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है, सुख एवं सौभाग्य बढ़ता है। गणेश जी की कृपा से बिजनेस और नौकरी में तरक्की मिलती है। सभी कष्ट, रोग और दोष दूर हो जाते हैं।
Teja
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