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धर्म-अध्यात्म
आज है चैत्र नवरात्र का आठवां दिन, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Teja
9 April 2022 6:44 AM GMT
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आज चैत्र नवरात्र का आठवां दिन है। नवरात्र के आठवें दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की मान्यता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज चैत्र नवरात्र का आठवां दिन है। नवरात्र के आठवें दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की मान्यता है। शिवपुराण के मुताबिक महागौरी को 8 साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का आभास हो गया था। इसलिए उन्होंने 8 साल की उम्र से ही शिव भगवान को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी थी। इसलिए अष्टमी के दिन महागौरी का पूजन करने का विधान है। इस दिन मां की पूजा करते समय दुर्गासप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करने से मां प्रसन्न होती हैं।
महागौरी के एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में डमरू
मां महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। इसलिए इनके एक हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है। अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू है तो तीसरा हाथ वरमुद्रा में हैं और चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला की शक्ति को दर्शाता हुआ है। महागौरी को गायन और संगीत बहुत पसंद है। ये सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार रहती हैं। इनके समस्त आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की उपासना से पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन का विधान
नवरात्र के नौ दिनों के बाद कन्या पूजन कर ही व्रत की समाप्ति होती है। सभी के अपने रीति रिवाजों के अनुसार किसी के यहां अष्टमी पर कन्या पूजन होता है तो किसी के यहां नवमी पर कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के दिन माता रानी का हवन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को माता रानी का स्वरुप माना जाता है। मां शक्ति के इस स्वरूप की पूजा में नारियल, हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग लगाया जाता है। महाअष्टमी के दिन काले चने का प्रसाद विशेषरूप से बनाया जाता है।
अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त
आज अष्टमी तिथि रात में 1.30 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। शनिवार अष्टमी पर कन्या पूजन शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। रविवार 10 अप्रैल को सुबह 11: 10 मिनट से 01: 32 मिनट तक कन्या पूजन का समय है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि कन्या पूजन के कई लाभ होते हैं। कन्या पूजन से गरीबी दूर होती है, रोग और शत्रुओं का विनाश होता है। कोशिश करनी चाहिए कि कन्याओं को भरपेट भोजन कराना चाहिए और उपहार में उन्हें कुछ न कुछ चीज देनी चाहिए। इस दिन नौ कन्याओं को जरूर भोजन कराएं। इससे ज्यादा भी हो सकती हैं। इसके अलावा दो लंगूर यानी लड़के भी कन्या पूजन में बैठ सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि 10 साल से कम उम्र की कन्याओं की पूजा कर उन्हें प्रसाद में हलवा पूड़ी, चने आदि देने चाहिए।
कन्या पूजन से मिलती है खास कृपा
पूजन के बाद कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने और उनका पूजन करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महागौरी माता का अन्नपूर्णा स्वरूप भी हैं। इसलिए कन्याओं को भोजन कराने और उनका पूजन-सम्मान करने से धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
महाअष्टमी के दिन पहने इस रंग का कपड़ा
महागौरी की पूजा करते समय जहां तक हो सके गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। महागौरी गृहस्थ आश्रम की देवी हैं और गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। एक परिवार को प्रेम के धागों से ही गूथकर रखा जा सकते हैं, इसलिए आज के दिन गुलाबी रंग पहनना शुभ रहता है।
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