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रहस्यमयी है थिरुवरप्पु मंदिर, जहां प्रभु को लगती है बहुत भूख
हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें जन्माष्टमी भी बेहद ही खास होता हैं इस साल जन्माष्टमी का पावन पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता हैं मान्यता है कि इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आज हम आपको श्रीकृष्ण के एक ऐसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां प्रभु की प्रतिमा को लगाया जाने वाला भोग वो स्वयं ही ग्रहण करते हैं और इस पवित्र मंदिर में भगवान को रोजाना दस बार भोग लगाया जाता हैं, तो आइए जानते इस मंदिर के विषय में।
थिरुवरप्पु मंदिर
दक्षिण भारतीय राज्य केरल के थिरुवरप्पु में स्थित मंदिर में कई अद्भुत चमत्कार होते रहते हैं जो हर किसी को चौका देते हैं कहते हैं कि थिरुवरप्पु मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को बहुत भूख लगती हैं और वे स्वयं भोग का प्रसाद ग्रहण करते हैं माना जाता है कि रोजाना इस मंदिर में प्रभु को दस बार भोग चढ़ाया जाता हैं। कहते हैं कि यहां पर स्थिति भगवान के विग्रह को भूख बर्दाश्त नहीं होती हैं जिसके कारण भगवान के सभोग की विशेष व्यवस्था की जाती हैं यहा पर हर दिन दस बार भोग लगाया जाता हैं।
अगर प्रभु को भोग नहीं लगाया जाए या भोग लगाने में कोई गड़बड़ी हो जाए तो भूख के कारण भगवान का शरीर दुबला होता चला जाता हैं इसलिए यहां भगवान के भोग को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता हैं मान्यता है कि इस पावन मंदिर में दर्शन और पूजन करने से भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।