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आचार्य चाणक्य
जब किसी व्यक्ति पर संकट आता है तो समझ नहीं आता है कि क्या करना सही और क्या गलत है. इसलिए व्यक्ति किसी निर्णय पर आसानी से नहीं पहुंच पाता. कई बार घबराहट में इंसान गलत फैसले भी ले लेता है, जिससे खुद का और बड़ा नुकसान हो जाता है. ऐसे समय में आचार्य चाणक्य की कुछ बातें आपका मार्गदर्शन कर सकती हैं. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें कही हैं जो ये सिखाती हैं कि मुश्किल घड़ी आने पर व्यक्ति का व्यवहार कैसा होना चाहिए. उसे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आचार्य की ये बातें लोगों को सही राह दिखा सकती हैं.
1. आचार्य चाणक्य के अनुसार जब संकट आता है तो चुनौतियां काफी बढ़ जाती हैं और अवसर बहुत कम होते हैं. इसलिए व्यक्ति को अलर्ट होकर उन अवसरों पर नजर बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे समय में जरा-सी चूक आपका बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है.
2. आचार्य चाणक्य का कहना था कि यदि व्यक्ति संकट से उबरने के लिए कुछ तैयारियां पहले से करके रखें तो मुश्किल समय से आसानी से निकला जा सकता है. इसलिए हर शख्स को धन, अन्न आदि को संचय करके रखना चाहिए. बुरे वक्त में ये आपके लिए बहुत मददगार साबित होते हैं. धन को आचार्य चाणक्य ने सच्चा मित्र बताया है.
3. संकट के समय में आपका पहला कर्तव्य आपके परिवार के प्रति जिम्मेदारी है. इसलिए उनकी सुरक्षा का विशेष खयाल रखना चाहिए और उनका पूरा साथ निभाना चाहिए. यदि उन पर कोई मुसीबत आ जाए तो उस मुसीबत से उन्हें निकालने का प्रयास करना चाहिए.
4. चाणक्य नीति के अनुसार आप कितने ही बड़े संकट में हों, लेकिन अपनी सेहत का पूरा खयाल रखें. यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो आप हर परिस्थिति का मुकाबला आसानी से कर पाएंगे. आपका शरीर और मस्तिष्क दोनों ही बेहतर काम करेंगे.
5. संकट काल में कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार उसके अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में सोचें. इसके बाद ठोस रणनीति के साथ ही काम करें. जो व्यक्ति पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ता है, वो बड़ी आसानी से हर मुश्किल को पार कर लेता है.
Tagsआचार्य चाणक्य
Gulabi
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