विज्ञान

क्या है गुरुत्व का वह नया सिद्धांत जो सुलझा सकता है डार्क मैटर का रहस्य

Subhi
12 July 2022 3:51 AM GMT
क्या है गुरुत्व का वह नया सिद्धांत जो सुलझा सकता है डार्क मैटर का रहस्य
x
पिछले कुछ दशकों से विज्ञान जगत में डार्क मैटर की खूब चर्चा रही है. अभी तक इसके अस्तित्व सिद्ध किए बिना ही कई परिघटनाओं की व्याख्या में इसका उपयोग हुआ है. डार्क मैटर के बारे में बताया जाता है

पिछले कुछ दशकों से विज्ञान जगत में डार्क मैटर (Dark Matter) की खूब चर्चा रही है. अभी तक इसके अस्तित्व सिद्ध किए बिना ही कई परिघटनाओं की व्याख्या में इसका उपयोग हुआ है. डार्क मैटर के बारे में बताया जाता है कि यह अदृश्य पदार्थ प्रकाश से तो अप्रभावित होता है, लेकिन गुरुत्व से नहीं. नई समीक्षा में वैज्ञानिकों ने सुझाया है कि विभिन्न पैमानों पर किए गए व्यापक अवलोकन बताते हैं कि गुरुत्व का एक वैकल्पिक सिद्धांत (New Gravity Theory), जिसे मिलग्रोमैन गतिकी (Milgromian dynamics) या मोंड भी कहते है, सभी परिघटनाओं की व्याख्या कर सकता है जिसके लिए डार्क मैटर जैसे अदृश्य की जरूरत ही नहीं होगी.

कैसे आई डार्क मैटर की अवधारणा

न्यूटन के भौतिकी के नियम सौरमडंल के ग्रहों की चाल तो सटीकता से बता पाते हैं, लेकिन 1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने पाया कि ऐसा गैलेक्सी की चक्रिका (Galaxy Discs) के साथ नहीं हो रहा है. बाहरी किनारे पर तारों की घूमने की गति न्यूटन के सिद्धांत के द्वारा बताई गई गति से कहीं ज्यादा थी. यहीं से डार्क मैटर की अवधारणा आई जिसे उस अतिरिक्त गुरुत्व खिंचाव के लिए जिम्मेदार माना गया जो तारों को गति प्रदान कर रहा था.

गुरुत्व का बर्ताव

दिलचस्प बात यह है कि गुरुत्व का यह नया सिद्धांत 40 साल पहले इजराइली भौतिकविद मोर्डेहाई मिलग्रोम ने दिया था. बताया जा रहा है कि यह सिद्धांत डार्क मैटर की आवश्यकता को खत्म कर देगा. मोंड सिद्धांत में मूलतः बताया गया है कि जब गुरुत्व बहुत ही कमजोर हो जाती है, जैसा की गैलेक्सी के किनारों पर होता है, तब वह न्यूटन की भौतिकी से अलग बर्ताव करने लगती है. इस तरह से इसकी व्याख्या करना संभव हो सकेगा कि 150 गैलेक्सी के किनारों पर तारे, ग्रह और गैस आदि तेजी से क्यों घूमते हैं.

मानक प्रतिमान से बेहतर?

इससे भी खास बात यह है कि मोंड केवल घूर्णन वक्र की ही व्याख्या नहीं करता है, बल्कि इससे कई मामलों में सही पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है. विज्ञान के दार्शनिकों का कहना है कि मोंड की पूर्वानुमान लगाने की यह क्षमता उसे मानक खगोलविज्ञानी प्रतिमान (standard cosmological model) से ऊपर उठा देता है जिसके अनुसार ब्रह्माण्ड में दिखाई देने वाला यानि सामान्य पदार्थ की तुलना में डार्कमैटर ज्यादा है. इस प्रतिमान के अनुसार गैलेक्सी में अनिश्चित लेकिन बहुत ही ज्यादा पदार्थ होता है. जिससे गैलेक्सी के घूर्णन की व्याख्या नहीं हो सकती है.


Next Story