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शनिदेव की पूजा देश को कोने-कोने में की जाती है. वैसे तो कहा जाता है कि कर्मफल दाता शनिदेव हर इंसान के कर्म अनुरूप फल देते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शनिदेव की पूजा देश को कोने-कोने में की जाती है. वैसे तो कहा जाता है कि कर्मफल दाता शनिदेव हर इंसान के कर्म अनुरूप फल देते हैं. लेकिन यदि किसी के कर्म उतने अच्छे नहीं हैं तो वह भी शनिदेव की पूजा से उनकी कृपा पा सकता हैं. शनिदेव की कृपा पाने के लिए कोई घर में इनकी प्रतिमा या मूर्ती लगाकर पूजा नहीं कर सकता है. क्योंकि घर में शनिदेव की पूजा निषेध बताया गया है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंदिर ही सबसे अच्छा स्थान माना गया है. भारत में शनिदेव के कुछ चमत्कारी मंदिर है. जानते हैं इस बारे में.
शनिचरा मंदिर (मुरैना)
शनिचरा मंदिर मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास एंती गांव में है. यह शनि मंदिर त्रेता युग का माना जाता है. इस मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा भी बेहद खास है. कहते हैं कि शनुदेव की ये प्रतिमा उल्कापिंड से बना है.
शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र)
शनि शिंगणापुर मंदिर की प्रसिद्धि दुनियाभर में है. महाराष्ट्र के यह मंदिर शनिदेव का जन्मस्थान माना जाता है. शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा है. शनिदेव के इस मंदिर में घर है पर दरवाजा नहीं है. शनिदेव की दुर्लभ प्रतिमा के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
शनि मंदिर (इंदौर)
शनिदेव का यह चमत्कारी मंदिर इंदौर के जूनी में स्थित है. यह मंदिर दुनिया का सबसे पुराना शनि मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर में शनि देव खुद पधारे थे. यहां आने वाले भक्तों पर शनिदेव की विशेष कृपा रहती है.
शनि तीर्थ क्षेत्र (असोला, फतेहपुर बेरी)
यह मंदिर दिल्ली के महरौली इलाके में है. यहां शनि देव की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित है. शनिदेव की यह मूर्ति अष्टधातुओं से बनी है. यहां आने वाले कोई भक्त खाली हाथ नहीं लैटता है.
शनि मंदिर (प्रतापगढ़)
शनि देव का यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में है. यह मंदिर शनि धाम के रूप में जाना जाता है. भगवान शनि का यह प्राचीन मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. माना जाता है कि शनि देव के इस मंदिर के दर्शन से सारे कष्ट दूर होते हैं. इस मंदिर में हर शनिवार शनिदेव को को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है
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