धर्म-अध्यात्म

Somvati Amavasya 2023: साल की पहली सोमवती अमावस्या

Rani Sahu
9 Feb 2023 3:54 PM GMT
Somvati Amavasya 2023: साल की पहली सोमवती अमावस्या
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Somvati Amavasya 2023: हिंदू शास्त्र में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों का अपना-अपना महत्व है. ये दो ऐसी तिथियां हैं, जिनका संबंध चंद्रमा से होता है. इस दिन चंद्रमा से संबंधित उपाय किए जाएं तो जातकों को बहुत फायदे होते हैं.इस सिलसिले में लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र बताते हैं कि इस बार सोमवती अमावस्या सोमवार 20 फरवरी को है. इस दिन स्नान-दान करने की परंपरा है. उन्होंने कहा कि इस दिन कुछ उपाय करने से पितरों को भी प्रसन्न किया जा सकता है. आइये जानते हैं सोमवती अमावस्या का मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व के बारे में.
बेहद खास है सोमवती अमावस्या 2023
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन स्नान-दान समेत तमाम उपाय करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं, पूरे परिवार में खुशियां भी आती हैं. उन्होंने कहा कि फाल्गुन महीने में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या 2023 बेहद खास है क्योंकि इस बार खास संयोग बन रहा है.
सोमवती अमावस्या का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सोमवती अमावस्या 2023 की शुरुआत रविवार 19 फरवरी शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी, जो रविवार 20 फरवरी 2023 दोपहर 12 बजकर 35 मिनट कर जारी रहेगी. हिंदू शास्त्र में उदयातिथि लेने की परंपरा है, इस वजह से सोमवती अमावस्या रविवार 20 फरवरी को मनाई जाएगी.उन्होंने बताया कि वहीं, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से शुरु होगा, जो 8 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. वहीं, पूजा का शुभ समय सुबह 9 बजकर 50 मिनट से लेकर 11 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
सोमवती अमावस्या 2023 पूजा विधि और महत्व
ज्योतिषाचार्य ने कहा कि सोमवती अमावस्या 2023 पर जातकों को कुछ काम अवश्य करने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रात: काल तड़के स्नान करके पूजा का संकल्प लें. सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें, उसके बाद गायत्री मंत्र का यथासंभव जाप करें. गायत्री मंत्र के जाप से घर में खुशहाली आती है और धन संपदा में वृद्धि भी होती है.इस दिन जातकों को शिवलिंग का जलाभिषेक भी करना चाहिए. जलाभिषेक में दूध, गंगाजल, शहद, घी, शक्कर, दही जरुर लें. इसके साथ-साथ नम: शिवाय का मंत्र का जाप भी करें. इससे जातकों का चंद्रमा मजबूत होगा.इन सबके अलावा जातकों को पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए. पीपल के पेड़ पर कच्चा सूत लपेटने की भी परंपरा है. वहीं, जल भी चढ़ाया जाता है. ऐसा करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं. सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.

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Rani Sahu

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