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धर्म-अध्यात्म
मंगलवार पूजा में गाएं श्री हनुमान आरती, हर मनोकामना पूरी होगी
Tara Tandi
2 May 2023 6:43 AM GMT
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार किसी सभी देवी देवता की पूजा आराधना व व्रत बिना उनकी आरती किए पूर्ण नहीं माना जाता है और ना ही व्रत पूजन का कोई फल साधक को प्राप्त होता है। मंगलवार का दिन हनुमान पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
ऐसे में अगर आप आज के दिन प्रभु की विधिवत पूजा कर रहे हैं या फिर दिनभर उपवास रख रहे हैं तो बजरंगबली की प्रिय आरती का पाठ जरूर करें मान्यता है कि श्री हनुमान जी की आरती पूजा में पढ़ने से प्रभु जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी परेशानियों व दुखों को दूर कर देते हैं साथ ही साथ साधकों की इच्छाएं भी पूरी हो जाती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है हनुमान आरती।
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
Tara Tandi
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