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घर के मुख्य द्वार के बारे में याद रखें ये वास्तु नियम, आएगी सकारात्मक ऊर्जा
हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह अपने जीवन में विकास, समृद्धि बनी रहने के साथ स्वास्थ्य. अच्छा रहेे। हालांकि, कई बार, काफी प्रयास के बावजूद भी दुख और परेशानियां हमारे जीवन पर छा जाती हैं। इससे छुटकारा पाने का काफी प्रयास करते हैं।
वास्तु के अनुसार माना जाता है कि आपके जीवन में आने वाली परेशानियों का जिम्मेदार काफी हद तक वास्तु दोष है। क्योंकि घर या बाहर कोई भी चीज कहीं पर भी रख देते हैं। इसका निगेटिव या फिर पॉजिटिव असर जिंदगी पर पड़ता है। जानिए घर के मुख्य दरवाजे संबंधी कुछ वास्तु नियम
घर के प्रवेश द्वार पर जूतों का स्टैंड बिल्कुल भी खुला न रखें। यह केवल घर में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिसके परिणामस्वरूप घर में सद्भाव का असंतुलन होता है। शू रैक को रखने के लिए पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोना सबसे बेस्ट है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि स्टैंड को उत्तर, दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिशाओं की ओर न रखें।
वास्तु के अनुसार, उत्तर और पूर्व दिशा के दरवाजे और खिड़कियां दक्षिण और पश्चिम दिशा से बड़े होनी चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। वहीं वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़कियां रखने से भी बचना चाहिए।
घर के बाहर लगी नेमप्लेट हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए। एक चमकदार नेमप्लेट अवसरों को आकर्षित करती है। यह घर में रहने वाले व्यक्ति की जीवन शैली को भी परिभाषित करता है और पहली छाप बनाती है। इसलिए नेम प्लेट को बिल्कुल भी गंदा न छोड़े।
घर का मुख्य द्वार न केवल आपको और बल्कि मेहमानों को घर में आने की अनुमति देता है। इसके अलावा यह ऊर्जा का प्रवेश द्वार भी है। यह हमेशा घर के बाकी दरवाजों से बहुत प्रमुख और बड़ा होना चाहिए। इसके अलावा इसे लकड़ी का बनाकर उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम में लगाना चाहिए। क्योंकि ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं।
घर के प्रवेश द्वार पर तुलसी का पौधा लगाएं। तुलसी के पौधे की पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही यह पौधा नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है और आसपास में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इस घर की पूर्व दिशा में रखना चाहिए। लेकिन आप चाहे तो उत्तर या उत्तर-पूर्व में खिड़की के पास भी रखा जा सकता है। इससे भी आपको लाभ मिलेगा।