धर्म-अध्यात्म

रथ सप्तमी का व्रत हर कष्ट से छुटकारा पाने के लिए जाने ये उपाय

Teja
28 Jan 2022 7:07 AM GMT
रथ सप्तमी का व्रत हर कष्ट से छुटकारा पाने के लिए जाने ये उपाय
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रथ सप्तमी (Ratha Saptami) का व्रत माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हर साल रखा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रथ सप्तमी (Ratha Saptami) का व्रत माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हर साल रखा जाता है. बता दें कि रथ सप्तमी हर साल बसंत पंचमी से महज तीन दिन बाद ही मनाई जा रही है. मत्स्य पुराण के अनुसार ये व्रत भगवान सूर्य देव (Suryadev)को समर्पित होता है. रथ सप्तमी को स्नान, दान, होम, पूजा आदि सत्कर्म का फल हजार गुना अधिक फल देते हैं. इस बार इस व्रत (Ratha Saptami Fast) 7 फरवरी को मनाया जाएगा.बता दें कि है रथ सप्तमी को अचला सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है.

इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान किया जाता है. इतना ही नहीं भक्त खास रूप से इस दिन गंगा स्नान करते हैं. मान्यता है कि इस दिन सू्र्योदय के समय स्नान करने से व्यक्ति को सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है और उसे एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है. यही कारण है कि रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.
रथ सप्तमी शुभ मुहूर्त
सप्तमी तिथि प्रारंभ: 7 फरवरी, सोमवार, दोपहर 4:37 से सप्तमी तिथि समाप्त: 8 फरवरी, मंगलवार, सुबह 6:15 तक रथ सप्तमी पर स्नान मुहूर्त: 7 फरवरी, सुबह 5:24 से सुबह 7:09 तक अर्घ्यदान के लिए सूर्योदय का समय: सुबह 7:05 मिनट
कैसे करनी चाहिए रथ सप्तमी की पूजा
इस दिन सुबह स्नान करके सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्यदान देना चाहिए. जल में थोड़ा सा गंगाजल फूल आदि डालने चाहिए. इसके बाद घी के दीपक और लाल फूल, कपूर और धूप के साथ सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए , और प्रभु के सामने व्रत का संपकल्प लेकर कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए.
मिलना है अन्नत फल
अगर आप रथ सप्तमी का व्रत रखते हैं, तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन अगर बिना व्रत रखे केवल सूर्य देव को जल ही चढ़ाते हैं तो फिर प्रभु की कृपा मिलती है. जो लोग शरीरिक कष्टों से जूझ रहे हैं उनको इस दिन पूजा पाठ जरूर करना चाहिए. इस दिन सूर्य देव को खुश करने के लिए आप दूध और चावल का भोग लगाएं.
किन लोगों को करना चाहिए ये व्रत
– जिन लोगों के अपने पिता से संबन्ध मधुर न हों
-जो लोग संतान सुख से वंचित हों
– जिन भी लोगों की सेहत अक्सर खराब रहती हो
-अगर नौकरी और करियर में लगातार बाधा आ रही हो
-शिक्षा में किसी भी प्रकार की रुकावटें आ रही हों


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