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रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना गया हैं जो कि हर साल सावन माह के आखिरी दिन मनाया जाता हैं इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशमी डोर बांधकर ईश्वर से उसकी उन्नति, अच्छी सेहत और खुशहाली जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं तो वही भाई बहन को उपहार देते हुए उसकी रक्षा का वचन देता हैं। यह पर्व भाई बहन के स्नेह, प्रेम और दुलार को दर्शाता हैं।
पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता हैं जो कि सावन का आखिरी दिन होता हैं वही इस बार राखी का त्योहार 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। भद्रा का साया होने के कारण इस पर्व को दो दिन मनाया जा रहा हैं ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि रक्षाबंधन के दिन किस दिशा में बैठकर राखी बांधनी चाहिए, तो आइए जानते हैं।
इस दिशा में बैठकर बांधे राखी—
वास्तु अनुसार रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते वक्त भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बिठाएं और बहन अपना मुख पश्चिम की ओर करें। इसके बाद भाई के माथे पर रोली, अक्षत और चंदन का तिलक लगाएं। फिर उसकी आरती उतारकर भाई की कलाई पर राखी बांधें और येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।
इस मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं और रक्षाबंधन पर राखी बांधने से पहले राखी की थाली को बहन जरूर सजा लें। इस थाली में रोली, अक्षत, चंदन, दीपक, राखी और मिठाई जरूर रखें। फिर सबसे पहले भगवान को राखी अर्पित करें इसके बाद ही अपने भाई को राखी बांधें ऐसा करने से भाई की आयु लंबी होती हैं तो वही भाई बहन के रिश्तों में मधुरता सदा बनी रहती हैं।
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