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पीपल (Peepal) वृक्ष को हिंदू धर्म में दैवीय पौधा कहा गया है
पीपल (Peepal) वृक्ष को हिंदू धर्म में दैवीय पौधा कहा गया है. इसमें 33 कोटि देवताओं का वास होता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने इस वृक्ष को स्वयं का अवतार बताया है. इस कारण से पीपल को पूज्यनीय माना जाता है. लोग पीपल के नीचे दीपक जलाकर, पीपल को जल चढ़ाकर इसकी पूजा करते हैं. लेकिन कभी कोई इसे अपने घर में या घर के आसपास नहीं लगाना चाहता. घर में या घर के आसपास लगे पीपल को अशुभ माना गया है. ऐसे में मन में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतने पूज्यनीय पौधे (Divine Plant) को घर में लगाना अशुभ क्यों माना जाता है. यहां जानिए इसका जवाब, साथ ही पीपल से जुड़े तमाम धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य.
इसलिए घर में नहीं लगाया जाता है पीपल
दरअसल पीपल को घर में या घर के आसपास न लगाने की वजह वैज्ञानिक है. पीपल की आयु काफी लम्बी होती है और एक बार इसे कहीं लगा दिया जाए तो धीरे धीरे इसकी जड़ें जमीन में काफी गहराई तक फैलती चली जाती हैं. ऐसे में पीपल घर की जमीन और दीवार को फाड़कर बाहर निकल जाता है. इससे घर को काफी नुकसान पहुंचता है. इसलिए इसको घर में न लगाने की सलाह दी जाती है और इसे लगाना अशुभ माना जाता है. लेकिन अगर आप इसकी सकारात्मक ऊर्जा का अहसास अपने घर में करना चाहते हैं तो आप पीपल के पौधे को एक गमले में लगा सकते हैं. गमले में लगाने के बाद इसे रोजाना जल दें और इसका पूजन करें. इससे आपको इस पेड़ की शुभता भी प्राप्त होगी और आपके घर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा.
पीपल को उखाड़ना या काटना शुभ नहीं
कई बार घर की दीवारों पर पीपल खुद ही उग आता है. ऐसे में इसे उखाड़ना जरूरी हो जाता है क्योंकि ये पूरी दीवार को क्षतिग्रस्त कर सकता है. लेकिन पीपल को उखाड़ना शुभ नहीं माना गया है. मान्यता है कि इससे घर में पितृदोष लगता है. इस स्थिति से बचने के लिए आप पीपल को उखाड़ने के बाद किसी अन्य स्थान पर रोप दें और इसकी सेवा करें. इससे आपको किसी
क्या सच में पीपल पर भूत प्रेत रहते हैं
ये भी कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष पर भूत प्रेत रहा करते हैं. लेकिन वास्तव में इस भूत को किसने देखा है ? दरअसल पीपल 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष है और लोगों को जीवन देने वाला है. पहले के समय में लोग ईंधन जलाने के लिए पेड़ों को काटते थे. पीपल के वृक्ष को कटने से बचाने के लिए भूत का डर फैलाया गया.
पीपल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों में पीपल के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्रभाग में शिव का स्थान बताया गया है. अथर्व वेद में लिखा है कि 'अश्वत्थ देवो सदन, अश्वत्थ पुजिते यत्र पुजितो सर्व देवता' यानी पीपल की पूजा करने मात्र से सभी देवी देवताओं का पूजन हो जाता है. पीपल वृक्ष के नीचे जप, तप, यज्ञ, अनुष्ठान और साधना करने से अक्षय फल प्राप्त होता है.
Rani Sahu
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