धर्म-अध्यात्म

Paush Month 2021: कल से शुरु है पौष महीना, इस तरीके से करें सूर्य भगवान की पूजा, बरतें ये सावधानियां

Rani Sahu
19 Dec 2021 9:56 AM GMT
Paush Month 2021: कल से शुरु है पौष महीना, इस तरीके से करें सूर्य भगवान की पूजा, बरतें ये सावधानियां
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हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दसवें माह का नाम पौष हैं. इस माह में सूर्य की उपासना की जाती है

Paush Month 2021 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दसवें माह का नाम पौष हैं. इस माह में सूर्य की उपासना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार ये महीना मार्गशीर्ष के महीने के बाद आता है. 20 दिसंबर 2021 सोमवार से पौष के महीने की शुरुआत होने जा रही है. ये महीना 17 जनवरी 2022 को समाप्त होगा. इस माह को भगवान सूर्य (Surya Bhagwan) और नारायण की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. पौष के महीने में सूर्य की पूजा को खास माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस महीने में कैसे की जाती है सूर्य की उपासना और क्या है इसका महत्व-

पौष माह का महत्व (Significance Of Paush Month)
पौष मास में सूर्य उपासना का विशेष महत्व होता है. इस महीने में सूर्यदेव की उपासना भग नाम से करना चाहिए. भग नाम को ईश्वर का स्वरूप माना गया है. पौष मास में सूर्य को अर्ध्य देने व उपवास रखने का विशेष महत्व माना गया है. इसके अलावा पौष माह को पितरों को मुक्ति दिलाने वाला महीना कहा गया है. इसे मिनी पितृपक्ष माना जाता है. दरअसल पौष मास में सूर्य धनु राशि प्रवेश करते हैं. धनु राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही पिंडदान का महत्व बढ़ जाता है. शास्त्रों में पौष के महीने को लेकर कहा गया है कि इस माह में जिन पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है, वे तुरंत बैकुंठ लोक को वास करने चले जाते हैं. इस मास में प्रत्येक रविवार व्रत व उपवास रखने और और तिल व चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है.
पौष माह में इस तरह करें सूर्य की उपासना
– प्रतिदिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
– तांबे के पात्र से जल अर्घ्य करना चाहिए.
– जल में रोली, लाल पुष्प और अक्षत डालना शुभ होता है.
– अर्घ्य देते समय "ॐ आदित्याय नमः" का जाप करें.
पौष मास में बरतें ये सावधानियां
इस मास में मास-मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. चीनी की बजाए गुड का सेवन करना उत्तम होता है. इस माह में ठंडे पानी का इस्तेमाल और बहुत अधिक भोजन करना हानिकारक होता है.
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