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नया साल शुरू हो चुका है और इसी के साथ इस साल के व्रत-त्योहार, खास मौकों, शुभ-अशुभ मुहूर्त का सिलसिला भी जारी हो गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नया साल शुरू हो चुका है और इसी के साथ इस साल के व्रत-त्योहार, खास मौकों, शुभ-अशुभ मुहूर्त का सिलसिला भी जारी हो गया है. साल की शुरुआत मासिक शिवरात्रि से हुई थी और अब पहले ही हफ्ते में पंचक शुरू होने जा रहे हैं. शास्त्रों-ज्योतिष में पंचकों को बहुत अशुभ माना गया है और इसी के चलते इस दौरान कुछ कामों को करने की सख्त मनाही की गई है, वरना ये जीवन पर संकट ला सकते हैं. साल 2022 के पहले पंचक कल यानी कि 5 जनवरी, बुधवार की शाम 7 बजे से शुरू हो रहे हैं और 10 जनवरी की सुबह 8 बजे तक चलेंगे.
ऐसे लगते हैं पंचक
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि में रहता है, तब उस समय को पंचक काल कहा जाता है. इन 5 दिनों की अवधि में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इसके अलावा कुछ खास काम भी नहीं किए जाते हैं. रावण की मृत्यु भी पंचक काल में हुई थी. मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्यों की या तो मृत्यु हो जाती है या उन्हें मृत्यु जैसा कष्ट भुगतना पड़ता है.
5 दिन तक न करें ये काम
- पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार खास विधि से करना चाहिए. उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए. इससे परिवार का संकट टल जाता है.
- पंचक में ना तो चारपाई-पलंग बनवाएं और ना ही खरीदें.
- घर का निर्माण करा रहे हैं तो पंचक में भूलकर भी छत न डलवाएं, ना ही चौखट लगवाएं. ऐसा करना कई मुसीबतों का कारण बन सकता है.
- पंचक काल में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है. दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है.
- पंचक काल में घास, लकड़ी आदि भी इकट्ठी नहीं करनी चाहिए.
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