धर्म-अध्यात्म

Mokshada Ekadashi पर आज इस विधि से करें एकादशी पूजा

Tara Tandi
11 Dec 2024 6:46 AM GMT
Mokshada Ekadashi  पर आज इस विधि से करें एकादशी पूजा
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Mokshada Ekadashiज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है साल में कुल 24 एकादशी के व्रत किए जाते हैं लेकिन अगहन यानी की मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि सभी पापों का नाश करने वाली एकादशी होती हैं
इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत पूजा करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर को मनाया जा रहा है। तो आज हम आपको पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मोक्षदा एकादशी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को देर रात 3 बजकर 42 मिनट से आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात 1 बजकर 9 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर को किया जाएगा। मोक्षदा एकादशी व्रत का पाारण करने के लिए 12 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से लेकर 9 बजकर 9 मिनट का समय शुभ रहेगा। इसी बीच व्रत का पारण करना लाभकारी होगा।
बता दें कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है मान्यता है कि इस दिन एकादशी व्रत का पारण करने से व्रत पूजा का पूर्ण फल साधक को मिलता है और जीवन की सारी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि—
आपको बता दें कि एकादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर देवी देवताओं का ध्यान करें। इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अच्छा माना जाता है इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें। अब एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें इसके बाद पीले चंदन और हल्दी के कुमकुम का तिलक लगाएं। अब माता लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें इसके बाद घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्र जाप करें। फिर मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें। भगवान को केले, मिठाई और पंचामृत का भोग चढ़ाएं। अगले दिन व्रत का पारण करें।
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