धर्म-अध्यात्म

जानें पहली बार कब मनाई गई थी ईद? यह थी असल वजह

Tulsi Rao
3 May 2022 7:11 AM GMT
जानें पहली बार कब मनाई गई थी ईद? यह थी असल वजह
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Eid-ul-Fitr 2022: भारत में कल यानी 3 मई 2022 को ईद उल फितर ( Eid-ul-Fitr 2022 ) का त्योहार मनाया जाएगा. चांद दिखने के बाद ईद की तारीख मुकम्मल हो गई है. इस्लाम में रमजान का यह महीना बहुत पाक माना जाता है, जिसके बाद रोजेदार ईद मनाते हैं. माना जाता है कि इस ऐतिहासिक दिन पैगंबर साहब ने बद्र के युद्ध में फतेह हासिल की थी. पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की इस जीत के जश्न में ईद मनाई गई थी. इस्लाम के मानने वालों ने इस दिन मिठाई बांटकर खुशियां मनाई थी. इस बार वाली ईद इसलिए भी अधिक खास है, क्योंकि इस दफा पूरे 30 रोजे रखे गए हैं. अन्यथा चांद का दीदार पहले ही हो जाने की वजह से 29 दिन के रोजे ही हो पाते हैं.

इस दिन मनाई गई थी पहली ईद
मान्यता है कि सबसे पहली बार ईद उल फितर 624 ईस्‍वी में मनाई गई थी. इस्लाम में कुछ ऐसी भी मान्यता है कि ईद का त्‍योहार रोजेदारों के लिए एक तोहफे के तौर पर भी होता है, क्योंकि वो पूरे एक महीने कठिन रोजे रखते हैं. ईद के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों में पकवान बनाते हैं और एक दूसरे को सेवइयां खिलाते हैं. सभी लोग एक साथ नमाज पढ़कर अमन चैन की दुआ मांगते हैं और गले मिलकर खुशियां बांटते हैं. आपको बता दें कि इस्लाम में चांद की बहुत मान्यता है. चांद दिखने पर ही रमजान का महीना शुरू होता है और चांद के दीदार होने के बाद ही ईद मनाई जाती है. इस्लाम में चांद की मान्यता के पीछे इस्‍लामिक कैलेंडर की गणनाएं चंद्रमा का आधार होना भी है. यही कारण है कि भारत समेत दुनिया के अलग अलग देशों में ईद अलग-अलग दिन मनाई जाती है. भारत की अगर बात करें तो सऊदी अरब में यहां से एक दिन पहले ईद मनाई जाती है.
जकात का महत्‍व
क्योंकि इस्लाम में जकात यानी दान का बहुत ज्यादा महत्व है, इसलिए ईद पर जकात भी की जाती है. ईद के दिन लोग तीस रोजे पूरे करने की हिम्मत देने पर खुदा का शुक्रिया भी अदा करते हैं.


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