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धर्म-अध्यात्म
जाने कब रखा जायेगा करवा चौथ का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय
Manish Sahu
23 July 2023 9:47 AM GMT
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धर्म अध्यात्म: सुहागिनें पूरी साल करवा चौथ का इंतजार करती हैं. इस दिन वह पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं.इस साल कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत और किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा जानें यहां.
कब रखा जााएगा करवा चौथ का व्रत? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय
कब मनाई जाएगी करवा चौथ
हिंदू धर्म में करवा चौथ सुहानिगों के लिए किसी होली या दीवाली के त्योहार से कम नहीं होता है. देश में ज्यादातर जगहों पर करवा चौथ बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन उपवास रखती हैं. खाने का एक निवाला तो दूर वह पानी का घूट तक नहीं पीती हैं. शादीशुदा महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान भगवान से मांगती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर करवा चौथ का व्रत करती हैं और कथा सुनती हैं. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं. इस साल कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत और किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा जानें यहां.
कब है करवा चौथ का व्रत
हिंदू पंचांग के मुताबिक करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने में रखा जाता है, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सुहागिनें करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी.इस दिन सभी सुहागिनें सुख और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखेंगी और करवा चौथ की कथा सुनेंगी और रात को चंद्रमा की पूजा कर उसे अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलेंगी.
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल करवा चौथ की चतुर्दशी तिथि 31 अक्टूबर, मंगलवार को रात 9.30 पर शुरू होगी और 1 नवंबर, बुधवार को रात 9.19 पर खत्म होगी. करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को ही रखा जाएगा.वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर रात 7 बजकर 2 मिनट तक है.इस शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है और कथा सुनी जा सकती है.
करवा चौथ पर चांद निकलने का समय रात को 8 बजकर 26 मिनट है.
करवा चौथ पर कैसे करें पूजा
करवा चौथ का व्रत रखने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले करवा माता को नमन करें और फिर सरगी ग्रहण करें, सरगी में हल्का-पुल्का भोजन किया जा सकता है. सूर्य उगने के बाद व्रत शुरू किया जाएगा. इस दौरान स्नान आदि करके सूर्य देव को अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की कामना करें. व्रत में पूरे दिन कुछ भी खाना और पीना नहीं चाहिए.सुहानिगों को इस दिन लाल रंग के कपडे़ पहनने चाहिए और सोलह श्रृंगार करके करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए. पूजा के बाद सास के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए और बायना निकालना चाहिए. बायने में मीठी और नमकीन मठरी के साथ पैसे रखे जा सकते हैं. वहीं सास को भी इस दिन बहू को शगुन देना चाहिए. पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद चंद्रमा निकलने के बाद उसे अर्घ्य देकर परिवार की रीति-रिवाज के मुताबिक पूजा संपन्न करनी चाहिए. छलनी में पति का मुंह देखकर चंद्रमा की पूजा की जा सकती है उसके बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए.
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