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इस साल चातुर्मास (Chaturmas) का प्रारंभ 10 जुलाई दिन रविवार से हो रहा है. इस दिन देवशयनी एकादशी है.
इस साल चातुर्मास (Chaturmas) का प्रारंभ 10 जुलाई दिन रविवार से हो रहा है. इस दिन देवशयनी एकादशी है. देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. फिर वे चार माह तक इस योग में रहते हैं, इस वजह से कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है. इस साल देवशयनी एकादशी तिथि यानी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 09 जुलाई को शाम 04:39 बजे से लेकर 10 जुलाई को दोपहर 02:13 बजे तक है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि चातुर्मास में किन कार्यों को करने से बचना चाहिए. कौन से चार माह तक वर्जित रहते हैं.
चातुर्मास में क्या न करें
1. चातुर्मास में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
2. इन चार माह में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. व्रत के नियमों की अवहेलना नहीं करना चाहिए.
3. यदि आप शादीशुदा हैं, तो चातुर्मास में पत्नी के साथ सहवास से दूर रहें.
4. चातुर्मास के व्रतों को करना है, तो उस स्थिति में पलंग और दरी पर नहीं सोना चाहिए.
5. चातुर्मास में सावन बहुत ही महत्वपूर्ण माह है. यह शिव जी का प्रिय मास है. इसमें आप व्रत रखते हैं, तो बाल, दाढ़ी, नाखून आदि काटने से बचें.
6. चातुर्मास में आप भगवान की भक्ति कर सकते हैं, उस पर कोई रोक नहीं होती है. प्रभु की भक्ति के लिए तन, मन और वचन से शुद्ध रहना चाहिए. किसी के प्रति घृणा, कड़वे बोल, लोभ, मोह, घमंड आदि न रखें.
7. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में आप व्रत का पालन करते हैं, तो यात्राओं से बचना चाहिए.
8. चातुर्मास में आप मांस, मदिरा, धूम्रपान, प्याज, लहसुन आदि का सेवन न करें.
Ritisha Jaiswal
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