धर्म-अध्यात्म

रविवार का व्रत करने की पूजा विधि जाने

Apurva Srivastav
13 March 2023 6:03 PM GMT
रविवार का व्रत करने की पूजा विधि जाने
x
रविवार का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति
रविवार का व्रत कैसे करें? रविवार का व्रत करने से क्या लाभ प्राप्त होता है? रविवार का दिन भगवान भास्कर को समर्पित है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने के व्यक्ति को जीवन में कई लाभ मिलते हैं और जीवन में तरक्की के मार्ग भी खुलते हैं। रविवार का व्रत करने के साथ-साथ आरती का भी विशेष महत्व है।
रविवार का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत को करने से जीवन में मान-सम्मान, धन और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
कैसे करें पूजन?
रविवार का व्रत जब भी करें तो कम से कम एक वर्ष या 30 रविवार अथवा 12 रविवारों तक करें। रविवार को सूर्योदय से पूर्व बिस्तर से उठकर शौच-स्नानादि से निवृत होकर लाल रंग का वस्त्र पहनें। इसके बाद विधि-विधान से भगवान सूर्य की पूजा करें। पूजा करने के बाद व्रतकथा सुनें। इसके बाद आरती करें।
आरती के बाद सूर्य भगवान का स्मरण करते हुए सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें। मंत्र का जाप कम से कम 12 या 5 या 3 माला करें। जप के बाद शुद्ध जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्ध्य दें।
सात्विक भोजन और फलाहार करें। भोजन में गेहुं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाएं। यदि आप रविवार का व्रत कर रहे हैं तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करें।
श्री सूर्यदेव की आरती – रविवार का व्रत और आरती
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता॥
जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा॥
करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी॥
हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
Next Story