धर्म-अध्यात्म

जानें मासिक शिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि

Ritisha Jaiswal
28 April 2022 9:29 AM GMT
Know Monthly Shivratri Vrat and Worship Method
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अप्रैल 2022 की मासिक शिवरात्रि 29 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है

अप्रैल 2022 की मासिक शिवरात्रि 29 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि वैशाख कृष्ण चतुर्दशी तिथि 29 अप्रैल को 12:26 एएम पर लग रही है, यह तिथि 30 अप्रैल को 12:57 एएम तक मान्य है. उदयातिथि की मान्यतानुसार 29 अप्रैल को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा और शिव पूजा की जाएगी. इस बार मासिक शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं, जो कार्यों में सफलता प्रदान करने वाले हैं. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) के मुहूर्त, व्रत एवं पूजा विधि के बारे में.

मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा मुहूर्त
वैशाख की मासिक शिवरात्रि पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. ऐसे में आप सुबह से लेकर रात्रि प्रहर तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. इस दिन प्रीति योग शाम को करीब पौने चार बजे से शुरु हो रहा है, वहीं अमृत सिद्धि योग सुबह 05:42 बजे से लेकर शाम 06:43 बजे तक है.
मासिक शिवरात्रि पर रात्रि प्रहर पूजा मुहूर्त 11:57 पीएम से लेकर 12:40 एएम तक है. जिन भक्तों को रात्रि प्रहर में पूजा करनी है, वे इस समय में करें, उनकी मनोकामना पूर्ण होगी.
शिव पूजा मंत्र
ओम नम: शिवाय. यह शिव पंचाक्षर मंत्र है, इस मंत्र से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
मासिक शिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि
1. मासिक शिवरात्रि के दिन प्रात: स्नान के बाद साफ कपड़ा पहनें और सबसे पहले सूर्य देव को जल ​अर्पित करें. उसके बाद मासिक शिवरात्रि व्रत एवं पूजा का संकल्प करें.
2. मा​सिक शिवरात्रि को किसी भी समय आप पूजा कर सकते हैं क्योंकि पूरे दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. वैसे भी शिव जी की पूजा में राहुकाल आदि नहीं देखते हैं.
3. शिव जी की पूजा करते समय सबसे पहले गंगाजल एवं गाय के दूध से अ​भिषेक करें. फिर उनको सफेद चंदन लगाएं. फूल, माला, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, अक्षत्, दीप, गंध, फल आदि अर्पित करें.
4. शिव पूजा में शंख, कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, तुलसी का पत्ता, नारियल आदि का उपयोग नहीं करते हैं. ये सभी वर्जित हैं.
5. अब गणेश जी, माता गौरी, भगवान कार्तिकेय, नंदी की पूजा करें. इसके बाद शिव चालीसा, मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें. फिर शिव जी की आरती करें.
6. अब आप प्रसाद वितरण करें. उसके बाद किसी ब्राह्मण को अन्न, फल, वस्त्र आदि दान कर दक्षिणा देकर विदा करें.
7. दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें, रात्रि के समय में भगवत जागरण करें. फिर अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद शिव पूजा करें.
8. सूर्योदय के बाद पारण करके मासिक शिवरात्रि व्रत को पूरा करें. भगवान शिव से अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर लें सोर्स ज़ी न्यूज़ .


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