धर्म-अध्यात्म

यहाँ जानें किस महीने करें किन चीजों का दान, दान देते समय रखें इन बातों का ध्यान

Bhumika Sahu
11 July 2021 5:56 AM GMT
यहाँ जानें किस महीने करें किन चीजों का दान, दान देते समय रखें इन बातों का ध्यान
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कहते दान देने से धन घटता नहीं बल्कि बढ़ता है। किसी जरूरतमंद को तो आप कभी भी किसी माह में दान दे सकते हैं लेकिन किसी दिन विशेष, मास विशेष में अलग-अलग चीजों का दान करने का अपना महत्व है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पौराणिक ग्रंथों में तमाम तरह के दान का बहुत महत्व बताया गया है। वही दान जिससे न सिर्फ लेने वाले का कल्याण होता है बल्कि देने वाले को भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य को अपनी क्षमता के अनुसार जरूर दान करना चाहिए क्योंकि दान से न सिर्फ इहलोक सुधरता है बल्कि परलोक में मोक्ष की प्राप्ति होती है। शायद यही कारण है कि हमारे यहां तीज-त्योहारों पर तमाम तरह के दान की परंपरा चली आ रही है। आइए जानते हैं कि 12 मास में किन चीजों का दान करने से उस मास विशेष और उससे जुड़े देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

माह के अनुसार करें दान
चैत्र माह का दान – गेहूं, मिट्टी के बर्तन, जल, अन्न, पलंग, अरहर, दही-चावल, बेल का फल, और कपड़े आदि।
वैशाख माह का दान – जल का दान, छाता, पंखा, चप्पल आदि का दान करें।
ज्येष्ठ माह का दान- गर्मी से बचाव करने वाली चीजों का दान जैसे जल, जूते-चप्पल, छाता एवं अन्नदान करें।
आषाढ़ माह का दान – इस माह में आंवला के दान का बहुत महत्व है। साथ ही कपूर, चंदन, छात्रों के लिए पुस्तकें, धार्मिक पुस्तकें आदि का दान करें।
श्रावण माह का दान- सब्जियां, कपड़े, घी, दूध, रत्न अन्न आदि का दान करें।
भाद्रपद माह का दान – खीर, शहद और अन्न, फल आदि का दान कर सकते हैं।
अश्विन माह का दान – तिल तथा घी का विशेष रूप से दान करें। साथ ही दवा, ब्राह्मणों को भोजन, अन्न, वस्त्र तथा दक्षिणा का दान करें। सौभाग्यवती महिलाओं, कुंआरी कन्याओं को भोजन, वस्त्र आदि का दान करें।
कार्तिक माह का दान – चने का दान, पशुओं को विशेष रूप से गाय को हरा चारा, धान्य, बीज, चांदी, दीप, नमक आदि का दान करें।
अगहन माह का दान – गुड़, नमक, सूती कपड़े आदि का दान दें।
पौष माह का दान – गुड़, निवार, धान्य दान कंबल, ऊनी वस्त्र आदि का दान करें।
दान देते समय रखें इन बातों का ध्यान
– सनातन परंपरा में दान के लिए कहा है कि दान हमेशा श्रद्धा के साथ दें।
– दान देते समय मन में अहंकार नहीं आना चाहिए।
– दान देते समय किसी को अपमानित या फिर उस पर अहसान नहीं जताना चाहिए।
– दान देने के बाद उसका प्रचार-प्रसार न करें। बल्कि गुप्त दान करें।


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