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धर्म-अध्यात्म
लिखावट से जानें व्यक्ति के पर्सनालिटी के बारे में
Ritisha Jaiswal
20 Dec 2021 4:19 AM GMT
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स्कूल के दिनों में अच्छी राइटिंग न लिखने पर ज्यादातर लोगों ने डांट खाई होगी
स्कूल के दिनों में अच्छी राइटिंग न लिखने पर ज्यादातर लोगों ने डांट खाई होगी. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ लोगों की राइटिंग में कोई खास सुधार नहीं आ पाता है. इसके पीछे एक बेहद खास वजह है. दरअसल, राइटिंग या लिखावट का संबंध व्यक्ति के नेचर से होता है. जब व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन आता है तो उसकी राइटिंग में भी इसकी झलक दिखाई देती है. इसलिए राइटिंग के जरिए भी पर्सनालिटी रीडिंग की जाती है.क्रिएटिविटी और टैलेंट भी बताती है राइटिंग
राइटिंग के जरिए पर्सनालिटी रीडिंग की बात करें तो लिखावट से व्यक्ति के टैलेंट और उसकी क्रिएटिविटी के बारे में भी आसानी से पता चल जाता है. इसके अलावा व्यक्ति कितना ईमानदार है, जिंदगी को देखने का उसका नजरिया क्या है या वह कितना महत्वाकांक्षी है, इन बातों की जानकारी भी आसानी से लग जाती है.
ऐसेकरें चेक
राइटिंग रीडिंग में सबसे पहला ध्यान अक्षरों की साइज पर दिया जाता है. हर अक्षर को हम 3 भागों में बांट सकते हैं, उसका ऊपरी हिस्सा, बीच का हिस्सा और नीचे का हिस्सा. ऊपर का हिस्सा उसके जीवन मूल्यों-सिद्धांतो को दर्शाता है. बीच का हिस्सा बताता व्यक्ति का व्यवहार और मानसिकता बताता है और नीचे का हिस्सा उसकी इच्छाओं और कर्म के बारे में बताता है. ऐसे में व्यक्ति की मानसिकता और व्यवहार को समझना है तो हमें अक्षर के बीच के हिस्से पर ध्यान देना होगा.
- यदि व्यक्ति की राइटिंग में अक्षर के बीच के हिस्सा का आकार पूरे अक्षर के आकार के अनुपात में हो तो वह संतुलित व्यक्तित्व का मालिक होता है. ऐसे लोग खुद को परिस्थितियों के मुताबिक ढाल लेते हैं. ऐसा करके वे खुद की और दूसरों की भी जिंदगी को आसान बना देते हैं. ये लोग ईमानदार होते हैं और लंबे समय तक साथ निभाते हैं.
- वहीं जिन लोगों की राइटिंग में बीच का हिस्सा अपेक्षाकृत बड़ा हो तो वह बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी इच्छा पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. इन लोगों पर आंख बंदकरके भरोसा करना ठीक नहीं है. अपने फायदे के लिए वे धोखा भी दे सकते हैं.
- यदि अक्षर के बीच का हिस्सा अनुपात में छोटा हो तो यह व्यक्ति की छोटी सोच और डर को दर्शाता है. ऐसे लोग छोटी सी रिस्क लेने से भी डरते हैं और पूरी जिंदगी एक ही ढर्रे पर जीते रहते हैं. इनकी अपनी सोच न होने के कारण ये आसानी से दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं
इन लोगों से रहें बचकर
ऐसे लोग जिनकी लिखावट में सारे अक्षर एक जैसे आकार के न होकर छोटे-बड़े हों, वे लोग मानसिक तौर पर स्थिर नहीं रह पाते हैं. ना ही वे अपनी बात पर कायम रहते हैं. इनके साथ लंबे समय तक रिश्ता बनाए रखना बहुत ही मुश्किल होता है.
Ritisha Jaiswal
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