धर्म-अध्यात्म

काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए रखें ये व्रत, जाने पूजा मुहूर्त

Teja
17 May 2022 10:12 AM GMT
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए रखें ये व्रत, जाने पूजा मुहूर्त
x
काल भैरव की पूजा के लिए कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat) उत्तम अवसर है. इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार बाबा भैरवनाथ की पूजा करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | काल भैरव की पूजा के लिए कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat) उत्तम अवसर है. इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार बाबा भैरवनाथ की पूजा करते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​थि को कालाष्टमी व्रत रखते हैं. आज ज्येष्ठ माह प्रारंभ हुआ है. ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा. बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय, कष्ट, दुख, पाप, नकारात्मकता आदि दूर होती है. उनके आशीष से शत्रु भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. वे भगवान भोलेनाथ के क्रोध से उत्पन्न हुए हैं. वे काशी के कोतवाल भी कहे जाते हैं. जो भी बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने काशी जाता है, उसे काल भैरव का भी दर्शन करना होता है. उनके दर्शन के बिना बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूरा नहीं होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं ज्येष्ठ माह के कालाष्टमी व्रत, तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में.

ज्येष्ठ कालाष्टमी व्रत 2022
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष ज्येष्ठ मा​ह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मई दिन रविवार को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर शुरु होगी और यह तिथि 23 मई दिन सोमवार को दिन में 11 बजकर 34 मिनट तक मान्य है. उसके बाद से नवमी तिथि लग जाएगी. ऐसे में अष्टमी की उदयातिथि 22 मई को होगी. इस आधार पर ज्येष्ठ मा​ह का कालाष्टमी व्रत 22 मई को रखा जाएगा.
कालाष्टमी पूजा मुहूर्त 2022
22 मई को द्विपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक है. इंद्र योग सुबह से लेकर अगले दिन 23 मई को प्रात: 03:00 बजे तक है, वहीं धनिष्ठा नक्षत्र रात 10 बजकर 47 मिनट तक है. ये दोनों ही योग और नक्षत्र पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं.
काल भैरव की पूजा का महत्व
1. बाबा काल भैरव की पूजा करने से असाध्य रोग दूर होते हैं.
2. उनकी कृपा से अकाल मृत्यु का भय मिट जाता है.
3. काल भैरव को तंत्र मंत्र का देव माना जाता है, उनके आशीर्वाद से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं.
4. उनकी पूजा करने से ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं.
5. जिन लोगों को अपने शत्रुओं और विरोधियों से डर रहता है, उनको काल भैरव की पूजा करनी चाहिए.


Teja

Teja

    Next Story