धर्म-अध्यात्म

इन लोगों से बनाकर रखें दूरी, सुखी जीवन को बना देते हैं दुखी; विद्वान व्‍यक्ति भी नहीं पाता बच

Tulsi Rao
27 March 2022 6:34 PM GMT
इन लोगों से बनाकर रखें दूरी, सुखी जीवन को बना देते हैं दुखी; विद्वान व्‍यक्ति भी नहीं पाता बच
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जिनके साथ कभी नहीं रहना चाहिए क्‍योंकि उनके साथ रहने पर विद्वान और सफल व्‍यक्ति भी दुखी जीवन जीने पर मजबूर हो जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। व्‍यक्ति अपने जीवन में सुखी रहेगा या दुखी, यह उसके कामों, आचरण के अलावा उसके आसपास के माहौल पर भी निर्भर करता है. इसलिए धर्म शास्‍त्रों से लेकर विद्वानों तक सभी ने कहा है कि व्‍यक्ति की संगति अच्‍छी होनी चाहिए. आचार्य चाणक्‍य ने भी चाणक्‍य नीति में इस बारे में लिखा है. उन्‍होंने 3 ऐसे लोगों के बारे में बताया है जिनके साथ कभी नहीं रहना चाहिए क्‍योंकि उनके साथ रहने पर विद्वान और सफल व्‍यक्ति भी दुखी जीवन जीने पर मजबूर हो जाता है.

दुष्‍ट पत्‍नी: चाणक्‍य नीति कहती है कि यदि पत्‍नी संस्‍कारी, चरित्रवान और समझदार हो तो वह खुद भी जीवन में खूब आगे बढ़ती है और अपने पति के लिए भी हर कदम पर बड़ा सहारा बनती है. वहीं दुष्‍ट पत्‍नी का साथ सफल और बुद्धिमान व्‍यक्ति के जीवन को भी आसानी से नर्क बना देता है. इसलिए जीवनसाथी का अच्‍छा होना बहुत जरूरी है.
मूर्ख शिष्‍य: आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि यदि गुरु प्रकांड पंडित हो और उसे मूर्ख शिष्‍य मिल जाए तो उसका जीवन दुखी होने में देर नहीं लगती है. गुरु अपने शिष्‍य के जीवन में आने वाली हर मुश्किल को पार करना सिखाता है लेकिन शिष्‍य मूर्ख हो तो ज्ञानी से ज्ञानी गुरु भी उसे कुछ नहीं सिखा सकता. ऐसा शिष्‍य उल्‍टे गुरु की छवि भी खराब करता है.
दुखी लोग: यदि सफल से सफल और बेहद चतुर व्‍यक्ति पूरे समय दुखी लोगों से घिरा रहे तो वह भी कुछ समय दुखी रहने लगता है. लोगों की नकारात्‍मकता उसे बुरी तरह प्रभावित करती है और उसे भी बुरा सोचने पर मजबूर करने लगती है. इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए.


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