धर्म-अध्यात्म

कामदा एकादशी व्रत, जानिए महत्व और पूजा विधि

Tara Tandi
18 April 2021 9:42 AM GMT
कामदा एकादशी व्रत,  जानिए महत्व और पूजा विधि
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हर पंद्रह दिन में एक एकादशी व्रत पड़ता है. वहीं, पूरे साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर पंद्रह दिन में एक एकादशी व्रत पड़ता है. वहीं, पूरे साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं. इस तरह से अप्रैल महीने की दूसरी एकादशी व्रत रामनवमी के अगले दिन यानी 23 अप्रैल 2021 को पड़ रही है. जिसे कामदा एकादशी भी कहा जाता है. इस दौरान भगवान विष्णु के पूजा का विशेष महत्व होता है. तो आइये जानते हैं इस व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में...

क्या है कामदा एकादशी व्रत का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदा एकादशी व्रत करना बेहद शुभ माना गया है.
इस व्रत को रखने से राक्षस योनि से मुक्ति मिलती है.
सुहागन स्त्रियां को कामदा एकादशी व्रत रखना चाहिए, विधिपूर्वक करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्त होती है
एकादशी व्रत विधि-विधान से करने वाले जातकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और घर में सुख-शांति का भी वास होता है.
एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
कामदा एकादशी आरंभ तिथि: 22 अप्रैल 2021, गुरुवार, रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से
कामदा एकादशी समाप्ति तिथि: 23 अप्रैल 2021, शुक्रवार, रात्रि 09 बजकर 47 मिनट तक
कामदा एकादशी व्रत पारणा मुहूर्त: द्वादशी तिथि यानि 24 अप्रैल, शनिवार की सुबह 05 बजकर 47 मिनट से
कामदा एकादशी व्रत पारणा मुहूर्त: 24 अप्रैल, शनिवार, 8 बजकर 24 मिनट तक
पारणा अवधि: 2 घंटे 36 मिनट तक
कामदा एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 23 अप्रैल 2021, सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 05 बजकर 03 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त: 23 अप्रैल 2021, सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त: 23 अप्रैल 2021, दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शाम 03 बजकर 09 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: 23 अप्रैल 2021, संध्याकाल 06 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 47 मिनट तक
अमृत काल: 23 अप्रैल 2021, मध्यरात्रि 12 बजकर 19 मिनट से 24 अप्रैल 2021 की सुबह 01 बजकर 49 मिनट तक.
निशिता मुहूर्त: 23 अप्रैल 2021, रात 11 बजकर 45 मिनट से 24 अप्रैल, मध्यरात्रि 12 बजकर 29 मिनट तक
एकादशी की पूजा विधि
एकादशी का अनुष्ठान दशमी तिथि से ही प्रारंभ हो जाता है,
यदि एकादशी का व्रत रखना है तो दशमी तिथि की दोपहर को अंतिम बार भोजन करें फिर सूर्यास्त के बाद भोजन करने की भूल न करें, ताकि पेट में अन्न न रहें

Tara Tandi

Tara Tandi

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