धर्म-अध्यात्म

मंदिरों में चढ़े फूलों से बनायी जा रही है अगरबत्ती धूप

Ritisha Jaiswal
8 April 2022 4:28 PM GMT
मंदिरों में चढ़े फूलों से बनायी जा रही है अगरबत्ती धूप
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देवास. देवास में वेस्ट से बेस्ट बनाया जा रहा है. कचरे में फेंक दी जाने वाली फूल मालाओं से यहां अब धूप बत्ती बनायी जा रही है.

देवास. देवास में वेस्ट से बेस्ट बनाया जा रहा है. कचरे में फेंक दी जाने वाली फूल मालाओं से यहां अब धूप बत्ती बनायी जा रही है. शहर के 6 मंदिरों से चढ़े हुए फूल इकट्ठा कर नगर निगम और माता की टेकरी ट्रस्ट मिलकर ये सामान बना रहा है. माता की टेकरी पर इसका प्लांट लगाया गया है.

वरुण राठौर
देवास जिले में प्रशासन हर तरह के वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बनाने का प्रयास कर रहा है. एक ऐसा ही वेस्ट को बेस्ट बनाने का प्लांट माता टेकरी पर लगाया गया है. चामुण्डा माता टेकरी में शंखद्वार के पास नगर निगम और मां चामुण्डा शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति ने प्लांट लगाया है. इसमें अपशिष्ट फूलों से धूपबत्ती स्टीक बनायी जा रही हैं.
शहर के प्रमुख मंदिरों से वैसे तो रोज 100 से 200 किलो फूल निकलते हैं. लेकिन नवरात्रि के कारण इन दिनों ज्यादा फूल मिल रहे हैं इसलिए धूप बत्ती भी ज्यादा बनायी जा रही हैं. हालांकि गर्मी का मौसम होने के कारण नवरात्रि के बाद इसमें गिरावट आएगी. आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर इसे बनाने की योजना है.
पिछले चार माह से नगर पालिक निगम देवास सहयोगी संस्था ग्रीन क्रॉप बायो केम एण्ड फर्टिलाइजर की मदद से ये काम कर रहा है. इसमें शहर के विभिन्न प्रमुख मंदिरों से निकलने वाली फूल मालाओं को इकट्ठा कर उनसे धूपबत्ती स्टिक बनायी जा रही हैं. इसे शहर की विभिन्न दुकानों पर बेचा जा रहा है.
मंदिरों में उपयोग होने वाली फूल मालाओं को नगर निगम की गाड़ियां प्लांट तक पहुंचाती हैं. उसके बाद फूल धूप में सुखाकर उन्हें मशीन में डालकर अलग किया जाता है. फिर जो मटेरियल निकलता है, उसी अपशिष्ट को अन्य मशीन में घोलकर डाला जाता है. कुछ देर में अगरबत्ती और धूपबत्ती स्टीक तैयार हो जाती है. इसे धूप में सुखाने के बाद लेबल लगी थैली में पैक कर दिया जाता है. इसका दाम भी काफी कम है.
नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि हमने माता टेकरी पर नया एक प्रयोग शुरू किया था. शहर में बहुत सारे मंदिर हैं. मंदिरों से निकलने वाले फूलों का उपयोग नहीं हो पाता था. यह अपशिष्ट फूल फेंक दिए जाते थे. अभी 100 से 200 किलो फूल रोज आ रहा है. इससे बड़ी मात्रा में अगरबत्ती ओर धूपबत्ती बनायी जा रही हैं.


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