धर्म-अध्यात्म

घर की negativity खत्म करना है तो वास्तु के तरीकों से जानें जूते-चप्पल रखने की सही जगह

Tara Tandi
27 March 2021 11:43 AM GMT
घर की negativity खत्म करना है तो वास्तु के तरीकों से जानें जूते-चप्पल रखने की सही जगह
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ज्यादातर घरों में लोगों की आदत होती है कि वे कहीं भी जूते-चप्पल उतार देते हैं. किसी भी कोने में उठाकर इसे रख देते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्यादातर घरों में लोगों की आदत होती है कि वे कहीं भी जूते-चप्पल उतार देते हैं. किसी भी कोने में उठाकर इसे रख देते हैं. लेकिन अगर आप पुरानी परंपरा की ओर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि पहले इन जूते चप्पलों को घर के बाहर ही रखा जाता था क्योंकि इनके जरिए बहुत सारे कीटाणु और गंदगी भी घर के अंदर प्रवेश कर जाती है.

वास्तु के हिसाब से जूते-चप्पलों को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. इसलिए इन्हें घर पर रखने के लिए कुछ दिशाएं निर्धारित की गई हैं. मान्यता है कि जिस घर में इन नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता, वहां नकारात्मकता रहती है और माता लक्ष्मी उस घर में निवास नहीं करती हैं. यहां जानिए वास्तु के हिसाब से जूते-चप्पल को रखने की सही जगह के बारे में.

मुख्य द्वार से तीन फुट की दूरी पर रखें शू रैक

वास्तु के हिसाब से भी सबसे बेहतर जूते चप्पलों को घर के बाहर रखना माना गया है. लेकिन घर की शू रैक को हमेशा मुख्य द्वार से करीब तीन फुट की दूरी पर रखना चाहिए. इसके अलावा शू रैक बंद वाली होनी चाहिए.

बेड के नीचे न रखें

कुछ लोग चलते फिरते बेड के नीचे जूते-चप्पल उतार देते हैं और उन्हें वहीं छोड़ देते हैं या कई बार भूल जाते हैं. ऐसा करने से घर में बीमारियां आती हैं, साथ ही रिश्तों में तल्खी बढ़ सकती है.

रसोई के पास न रखें

अगर आपने शू रैक को घर के अंदर रखा है तो याद रखें कि वो जगह रसोई, पूजा घर या धन रखने के स्थान के आसपास नहीं होनी चाहिए. न ही इन्हें पूर्व, उत्तर, ईशानकोण या आग्नेय कोण की तरफ रखना चाहिए.

इस दिशा में रखें

यदि आपको घर के अंदर ही जूते-चप्पल रखने हैं तो शू रैक को पश्चिम दिशा, दक्षिण दिशा या घर की बालकनी में रख सकते हैं. इसके अलावा उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में भी इसे रखने की जगह बना सकते हैं.

इस बात का भी रहे खयाल

पहले के समय में लोग जूते-चप्पलों का उपयोग बाहर जाने के लिए करते थे, लेकिन घर के अंदर वे ज्यादातर नंगे पैर ही घूमते थे. लेकिन आज के समय में ऐसा करना संभव नहीं है, इसलिए कम से कम इस बात का ध्यान रखें कि बाहर जाने वाले और घर के अंदर पहनने वाले जूते-चप्पल अलग-अलग हों. बाहर पहनने वाले जूतों को आप घर के अंदर पहनकर न घूमें क्योंकि ये बाहर की नकारात्मकता को अपने साथ लेकर आते हैं और घर के माहौल को दूषित करते हैं. इसके अलावा टॉयलेट में प्रयोग करने के लिए भी अलग स्लिपर्स को बना दीजिए. ताकि घर की स्लिपर्स का प्रयोग टॉयलेट में न हो.

ज्यादातर घरों में लोगों की आदत होती है कि वे कहीं भी जूते-चप्पल उतार देते हैं. किसी भी कोने में उठाकर इसे रख देते हैं. लेकिन अगर आप पुरानी परंपरा की ओर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि पहले इन जूते चप्पलों को घर के बाहर ही रखा जाता था क्योंकि इनके जरिए बहुत सारे कीटाणु और गंदगी भी घर के अंदर प्रवेश कर जाती है.
वास्तु के हिसाब से जूते-चप्पलों को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. इसलिए इन्हें घर पर रखने के लिए कुछ दिशाएं निर्धारित की गई हैं. मान्यता है कि जिस घर में इन नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता, वहां नकारात्मकता रहती है और माता लक्ष्मी उस घर में निवास नहीं करती हैं. यहां जानिए वास्तु के हिसाब से जूते-चप्पल को रखने की सही जगह के बारे में.
मुख्य द्वार से तीन फुट की दूरी पर रखें शू रैक
वास्तु के हिसाब से भी सबसे बेहतर जूते चप्पलों को घर के बाहर रखना माना गया है. लेकिन घर की शू रैक को हमेशा मुख्य द्वार से करीब तीन फुट की दूरी पर रखना चाहिए. इसके अलावा शू रैक बंद वाली होनी चाहिए.
बेड के नीचे न रखें
कुछ लोग चलते फिरते बेड के नीचे जूते-चप्पल उतार देते हैं और उन्हें वहीं छोड़ देते हैं या कई बार भूल जाते हैं. ऐसा करने से घर में बीमारियां आती हैं, साथ ही रिश्तों में तल्खी बढ़ सकती है.
रसोई के पास न रखें
अगर आपने शू रैक को घर के अंदर रखा है तो याद रखें कि वो जगह रसोई, पूजा घर या धन रखने के स्थान के आसपास नहीं होनी चाहिए. न ही इन्हें पूर्व, उत्तर, ईशानकोण या आग्नेय कोण की तरफ रखना चाहिए
इस दिशा में रखें
यदि आपको घर के अंदर ही जूते-चप्पल रखने हैं तो शू रैक को पश्चिम दिशा, दक्षिण दिशा या घर की बालकनी में रख सकते हैं. इसके अलावा उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में भी इसे रखने की जगह बना सकते हैं.
इस बात का भी रहे खयाल
पहले के समय में लोग जूते-चप्पलों का उपयोग बाहर जाने के लिए करते थे, लेकिन घर के अंदर वे ज्यादातर नंगे पैर ही घूमते थे. लेकिन आज के समय में ऐसा करना संभव नहीं है, इसलिए कम से कम इस बात का ध्यान रखें कि बाहर जाने वाले और घर के अंदर पहनने वाले जूते-चप्पल अलग-अलग हों. बाहर पहनने वाले जूतों को आप घर के अंदर पहनकर न घूमें क्योंकि ये बाहर की नकारात्मकता को अपने साथ लेकर आते हैं और घर के माहौल को दूषित करते हैं. इसके अलावा टॉयलेट में प्रयोग करने के लिए भी अलग स्लिपर्स को बना दीजिए. ताकि घर की स्लिपर्स का प्रयोग टॉयलेट में न हो.


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