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धर्म-अध्यात्म
स्वास्तिक आप भी मुख्य द्वार पर बनाते हैं तो जान लें महत्व
Manish Sahu
7 Sep 2023 4:14 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: स्वास्तिक ऐसा चिह्न है जिसे सनातन धर्म में काफी पवित्र माना जाता है. हर शुभ काम में इसको बनाया जाता है. पर क्या आप जानते इसको क्यों बनाया जाता है. घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने के पीछे की वजह क्या है? हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक लोगों को अपने निवास स्थल पर बहुत चीजों की देख रेख जरूरी होती है. हिंदू शास्त्र के मुताबिक घर के प्रवेश द्वार या पूजा स्थल सहित अन्य जगहों पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बहुत ही शुभ और मांगलिक माना जाता है. लेकिन इस चिन्ह को बनाने में थोड़ी सी चूक बहुत हानि पहुंचा सकती है.
शक्ति, समृद्धि और सौभाग्य का होता प्रतीक है स्वस्तिक चिन्ह
पूर्णिया के ज्योतिष मनोत्पल झा कहते हैं किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हमारे हिंदू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है. स्वास्तिक का चिन्ह शक्ति समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता हैं. यह स्वास्तिक आज से नहीं बल्कि सिंधु घाटी सभ्यता के लगभग 3000 ईसा वर्ष पूर्व में स्वस्तिक का यह चिन्ह मिला था. तब से ही हिंदू धर्म में इसका प्रचलन बढ़ा.
पंडित जी ने आगे बताया कि आप चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बना सकते हैं. उन्होंने कहा इसे बनाने से पहले आपको सावधानी जरूर बरतना होगी, नहीं तो मृत्यु का कारण भी हो सकता हैं. याद रखना होगा कि स्वास्तिक जब भी बनेगा क्लाकवाइज (Clockwise) बनेगा. अगर बनाने के दौरान थोड़ा भी गलत हो जाएगा तो यह स्वास्तिक मृत्यु का प्रतीक हो जाएगा. इसलिए इसे क्लाकवाइज ही बनाएं.
इन शब्दों के अर्थ से बना स्वस्तिक
पंडित जी कहते हैं स्वास्तिक शब्द स्व और अस्तित्व और कर्म से बना हैं. मंगल करने वाला अच्छा करने वाला स्वास्तिक का चिन्ह जो अच्छा करने वाला. आपके लिए अच्छा करने का प्रतीक है.यह हमारे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा शक्ति को बाहर निकलता है. सकारात्मक ऊर्जा भरता है. शक्ति सौभाग्य देता है. इसके साथ-साथ चारों दिशाओं से शुभ मंगल चीजों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जहां यह चिन्ह रहेगा, वहां निश्चित तौर पर शुभ और मांगलिक और अच्छे कार्य होंगे. इसके साथ ग्रह दोष को दूर करता है. वास्तु दोष को दूर करता है. धन लाभ का योग बनता है.
मुख्य द्वार पर स्वास्तिक होने से मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने में यह स्वास्तिक का चिन्ह बहुत बड़ा योगदान है. इसलिए पूजा पाठ के मौके पर अपने घरों पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाया जाता है. इसका अर्थ कल्याण और मंगल का प्रतीक है. इसे आप मुख्य द्वार ही नहीं बल्कि आप कहीं भी बना सकते हैं. चाहे वह आपकी पूजा की थाली हो या आपके घर के प्रवेश द्वार हो या अन्य कहीं पूजा स्थल हो या कहीं देवभूमि हो कहीं भी बना सकते हैं.
Manish Sahu
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