धर्म-अध्यात्म

Holashtak 2022 : जानिए होलाष्टक का धार्मिक महत्व एवं उपाय

Rani Sahu
6 Feb 2022 1:17 PM GMT
Holashtak 2022 : जानिए होलाष्टक का धार्मिक महत्व एवं उपाय
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हिंदू (Hindu) धर्म के सबसे लोकप्रिय पर्व होली (Holi) की सूचना होलाष्टक (Holashtak) से प्राप्त होती है

हिंदू (Hindu) धर्म के सबसे लोकप्रिय पर्व होली (Holi) की सूचना होलाष्टक (Holashtak) से प्राप्त होती है. होली के त्यौहार की शुरुआत ही होलाष्टक से प्रारम्भ होकर धुलैण्डी तक रहती है. फाल्गुन (Falgun) शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर होलिका (Holika) दहन तक के आठ दिनों में सभी मांगलिक कार्यों की मनाही रहती है. होलाष्टक लगते ही भले ही शुभ कार्य रुक जाते हों, लेकिन यह समय अपने आराध्य देवी-देवता की साधना के लिए उत्तम होता है. आइए जानते हैं कि इस साल होलाष्टक कब से लग रहा है और होलाष्टक का क्या धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व है.

कब लगेगा होलाष्टक
साल 2022 में होली के पावन पर्व की सूचना देने वाला होलाष्टक 10 मार्च 2022, गुरुवार से लेकर 18 मार्च 2022, शुक्रवार तक रहेगा. मान्यता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने पर अपशकुन होता है. होलाष्टक से होली और होलिका दहन की तैयारी शुरु हो जाती है.
होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ कार्य
होलाष्टक के आठ दिनों को शुभ कार्य नहीं करने के पीछे पौराणिक कथा है जिसके अनुसार भगवान शिव ने कामदेव को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि पर कामदेव को अपनी तपस्या भंग करने के दोष के चलते भस्म कर दिया था. प्रेम के देवता के भस्म होने के बाद लोगों में शोक की लहर फैल गई. इसके बाद जब कामदेव की पत्नी रति ने भगवान शिव से प्रार्थना की तो उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवन प्रदान करने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोगों ने खुशी मनायी. होलाष्टक के बारे में एक और कथा के अनुसार राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए इन आठ दिनों में कठिन यातनाएं दी थीं. इसके बाद जब आठवें दिन होलिका जिसे आग से नहीं जलने का वरदान प्राप्त था, उसके जलाने पर भी प्रहलाद बच गये. ऐसे में इन आठ दिनों को अशुभ मानते हुए कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
होलाष्टक पर क्‍या नहीं करना चाहिए
होलाष्टक लगते ही हिंदू धर्म से जुड़े सोलह संस्कार समेत सभी शुभ कार्य रोक दिये जाते हैं. यहां तक कि यदि इस बीच किसी का निधन हो जाता है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए भी शान्ति कराई जाती है. इस दौरान किसी भी भवन के निर्माण या उसमें प्रवेश करने की भी मनाही होती है. मान्यता है कि जिस लड़की की नई शादी हुई हो, उसे अपने ससुराल की पहली होली नहीं देखनी चाहिए.
होलाष्टक पर करने चाहिए ये काम
होलाष्टक में जहां 16 संस्कार समेत तमाम शुभ कार्यों के लिए मनाही होती है, वहीं यह समय अपने आराध्य देवी-देवता की साधना के लिए अति उत्तम माना गया है. इस दौरान ईश्वर की भक्ति करते समय ब्रह्मचर्य का पूरी तरह से पालन करना चाहिए. होलाष्टक के दौरान तीर्थ स्थान पर स्नान एवं दान का भी बहुत महत्व है.
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