धर्म-अध्यात्म

लम्बे समय तक बोतल में बंद गंगा जल नहीं होता है दूषित, जानिए क्या है कारण

Manish Sahu
6 Aug 2023 2:00 PM GMT
लम्बे समय तक बोतल में बंद गंगा जल नहीं होता है दूषित, जानिए क्या है कारण
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धर्म अध्यात्म: हिन्दू घर्म में गंगा नदी का अहम् स्थान है गंगा नदी को पवित्र और मोक्षदायनी नदी कहा जाता है। इसी लिए हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य में गंगा जल का उपयोग किया जाता है, बच्चे का जन्म होता है तो भी गंगा जल का उपयोग होता है। यदि किसी की मृत्यु होती है उस समय भी गंगा जल का उपयोग होता है। जब भी कोई गंगा के घाट पर जाता है तो साथ में गंगा जल लेकर आता ही है। लगभग सभी हिन्दू धर्म के लोगो के घर में गंगा जल तो होता ही है। लेकिन एक सवाल है की गंगाजल लोगो के घरो में कई महीने सालो तक बोतल में बंद रहता है। तो वह ख़राब या दूषित क्यों नहीं होता है। हालाकी दूसरा पानी अगर बोतल में लम्बे समय तक रखा दिया जाए तो वो खराब हो जाता है या उसमे कीटाणु जन्म ले लेते है। वैज्ञानिको ने भी गंगा जल पर शोध किया और इस निष्कर्ष पर आए की गंगा जल एक विशेष प्रकार के विषाणु के कारण प्रदूषित नहीं होता।
गंगा नदी अपने उद्गम स्थाल गंगोत्री से निकल कर हिमालय से होकर हरिद्वार पहुंचती है। इस यात्रा में गंगा नदी में विशेष प्रकार के गंधक और कुछ दुर्लभ जड़ी बूटियां मिल जाती है। जिसके कारण गंगाजल में अन्य नदियों के जल की अपेक्षा अधिक शुद्धता और औषधीय गुण होते हैं। प्रत्येक नदी के पानी में लवण उनकी जैविक संरचना के अनुसार घुले होते हैं, जिनमें से कुछ जीवाणुओं के विकास की अनुमति देते हैं और कुछ नहीं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार गंगा के पानी में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो गंगा के पानी में कीटाणुओं को पनपने नहीं देते, जिससे इसका पानी लंबे समय तक दूषित नहीं रहता है।
जब वैज्ञानिकों ने शोध किया तो यहां पता चला गंगा नदी में तांबे, क्रोमियम और रेडियोधर्मी थोरियम की ट्रेस मात्रा अधिक होती है। गंगा जल के तत्व का कार्य होता है पत्थरो के घर्षण से उत्पन्न कीटाणुओं को नष्ट करना और और जल को साफ करते है। जो हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट कर जल को शुद्ध करता है।इसके साथ ही लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति संस्थान ने अपने शोध में बताया है कि गंगाजल जहरीले ईकोलाई बैक्टीरिया को भी नष्ट कर सकता है। गंगजल का चमत्कारी गुण गंगा के तलहटी में पाया जाता है। वैज्ञानिको ने जब गंगा जल में दूषित और कीटाणु विषाणु डाले तो वह सभी गंगा जल में अपने आप ही नष्ट हो गए।
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