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धर्म-अध्यात्म
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से 2023 कई मायनों में खास रहेगा।
Kajal Dubey
29 Dec 2022 6:01 AM GMT
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धर्म : इस बार शिव आराधना का श्रावण मास 30 के बजाय 59 दिन का होगा। सोमवार भी चार से बढ़कर आठ हो जाएंगे। श्रावण में अधिक मास का संयोग 19 साल बाद बनेगा। इसके चलते दशहरा-दीपावली आदि त्योहार भी 15 से 20 दिन आगे बढ़ जाएंगे। अगले साल सात महीनों में 67 दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे। दो-दो सूर्य और चंद्र ग्रहण, तीन-तीन दिन गुरु व रवि पुष्य संयोग बनेगा।
ज्योतिर्विद आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के मुताबिक इस बार श्रावण मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक 59 दिन रहेगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक श्रावण अधिकमास रहेगा। ज्योतिर्विद कान्हा जोशी के अनुसार भारतीय पंचांग पद्धति में मास की गणना दो प्रकार से होती है, सौर मास और चांद्र मास। चांद्र मास के अनुसार वर्ष 354 दिन का और सौर मास के अनुसार 365 दिन का होता है। इस कारण 11 दिन का अंतर आ जाता है। हर तीसरे वर्ष इन 33 दिनों का समायोजन किया जाता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है। शास्त्रों में इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा गया है। जिस मास में यह समायोजन होता है, उसमें दिन की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। वर्ष 2023 में यह समायोजन श्रावण में हो रहा है। इसलिए श्रावण शिव साधकों के साथ वैष्णवों के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।
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