धर्म-अध्यात्म

माता-पिता को बच्चों के सामने भूलकर भी ना करे ये तीन काम जाने क्यों

Teja
12 May 2022 10:58 AM GMT
माता-पिता को बच्चों के सामने भूलकर भी ना करे ये तीन काम जाने क्यों
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आचार्य चाणक्य को राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का भारत ही नहीं दुनिया का पितामह कहा जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य को राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का भारत ही नहीं दुनिया का पितामह कहा जाता है। चाणक्य की नीतियां ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर के देशों में प्रसिद्ध है। दुनियाभर के लोग उनकी नीतियों को अपने जीवन में उतारते हैं और सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं। चाणक्य नीति की आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितना प्राचीन काल में थी। चाणक्य ने कई सारी ऐसी बातें बताई है जिसके बारे में सभी लोगों को ना सिर्फ जानना चाहिए बल्कि उसपर अमल भी करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति में बच्चों, बड़ों, बुजुर्गों, आदि सबके लिए कोई न कोई सीख दी है। चाणक्य ने अपने नीति यानी ज्ञान में संतान के बारे में भी बताया है। चाणक्य नीति के मुताबिक माता-पिता को संतान की शिक्षा, संस्कार और सेहत को लेकर सदैव गंभीर रहना चाहिए। बच्चों पर सबसे अधिक प्रभाव उनके मां-बाप का देखने को मिलता है और माता-पिता ही अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं। चाणक्य ने संतान और माता-पिता से संबंधित एक बात का जिक्र किया है। चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता को संतान को अच्छे संस्कार देने चाहिए। संतान को लेकर हर माता-पिता को गंभीर होना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक बच्चों को योग्य और सफल बनाने के लिए माता-पिता को कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। दरअसल बच्चें माता-पिता की अच्छी आदतों को तो ग्रहण करते ही हैं, लेकिन वो गलत आदतों से बहुत जल्द प्रभावित होते हैं। ऐसे में बच्चों के मामले में चाणक्य की इन बातों को नहीं भूलना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति में बच्चों को लेकर कहा है कि हर इंसान को उनके सामने सोच विचार कर ही बातें करना चाहिए, क्योंकि बच्चे छोटे पौधे की तरह होते हैं। ऐसे में आप उन्हें जैसा ढालेंगे वे वैसा ही फल देंगे। चाणक्य के मुताबिक अगर आप चाहते हैं कि बच्चों की बोली और भाषा अच्छी हो तो इसके लिए सबसे पहले माता-पिता को अपनी बोली पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए उन्हें अपनी बोली और भाषा को लेकर ज्यादा सावधानी बरतना चाहिए। क्योंकि व्यक्ति की बोली और भाषा बहुत कुछ बयां करती है।
बच्चों के सामने झूठ बोलने से परहेज करें माता-पिता
आचार्य चाणक्य नीति के मुताबिक बच्चों के सामने माता-पिता को झूठ और दिखावा नहीं करना चाहिए। अगर आप बच्चों के सामने झूठ बोलेंगे या उन्हें अपने झूठ में शामिल करेंगे तो उनकी नजर में आप अपना सम्मान खो देंगे। इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को झूठ और दिखावे से दूर ही रखें, नहीं तो इससे आगे चलकर आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
एक दूसरे का करें सम्मान और आदर
आचार्य चाणक्य का कहना है कि आपसी बातचीत के दौरान माता-पिता को एक दूसरे का सम्मान और आदर का खास ध्यान रखना चाहिए। अगर इनके आपसी रिश्तों में आदर और सम्मान नहीं है तो इसका असर बच्चों के दिमाग और मन पर पड़ता है। ऐसे में इसका खास ध्यान रखना चाहिए। किसी का अपमान करने से बचें

अक्सर देखा जाता है कि बच्चों के सामने ही माता-पिता आपस में एक दूसरे से लड़ने-झगड़ने लगते हैं। पति-पत्नी एक दूसरे की कमियां निकालने लगते हैं। चाणक्य नीति के मुताबिक ऐसा करने से वो अपने बच्चों की नजर में सम्मान खोने लगते हैं। बच्चों की नजर में उनका कोई सम्मान नहीं रह जाता और ऐसे में कई बार ऐसा हो जाता है कि बच्चे भी आपका अप

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