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त्रिपुर सुंदरी जयंती के दिन करें ये उपाय, घर में बरसेगी लक्ष्मी की कृपा
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर सुंदरी जयंती मनाया जाता है। इस साल यह दिन 7 दिसंबर को पड़ रहा है। त्रिपुर सुंदरी जयंती को शिव विद्या जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इनकी उपासना सभी विद्याओं में श्रेष्ठ कहीं गई है। त्रिपुर सुंदरी को मंत्रों की नायिका भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, त्रिपुर सुंदरी के मंत्रों के जाप मात्र से ही संपूर्ण पापों का नाश हो जाता है। श्री विद्या त्रिपुर सुंदरी का 16 अक्षरों का अतयंत गोपनीय मंत्र है, जिसको ग्रहण करने और उसको देने के कुछ विशेष विधान है।
इन मंत्रों का करें जाप
1. ऐं क्लीं सौ: बालात्रिपुरे स्वाहा।
2. ऐं क्लीं सौ: बाला त्रिपुरे सिद्धिं देहि नम:।
3. ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरमर्दने सर्व शुभं साधय स्वाहा।
त्रिपुर सुंदरी श्री विद्या के कुछ उपाय
मंत्र महार्णव के अनुसार,जाप का दशांश पलाश के फूलों या कनेर के फूलों से हवन कराना चाहिए। इससे बाल शोडषी के उपासना करने से विद्या और धन की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र को जपते हुए लाल कनेर के फूलों से होम करने के बाद उस यज्ञ की राख से मसतक पर तिलक करने से स्त्रीयों का वशीकरण होता है।
इस मंत्र को जपते हुए सरसों से होम करने से राजा वश में होता है।
नन्द्या वर्त राज वर्ष, कुंद, पाढल और चम्पा के फूल या बेल के फूलों से यज्ञ करने से लक्ष्मी स्थिर होती है।
दूध में मिलाकर गुडुची के फूलों से हवन करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
दूध मिली दुर्वा से हवन करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
कपूर, गुगुल से हवन करने से मनुष्य को ध्यान और कविता करने की शक्ति मिलती है।
पलाश के फूलों से होम करने से वाणी की सिद्धी होती है।
मधु और दही युक्त लावा के होम से मनुष्य को स्वास्थ्य लाभ होता है।
नारियल से होम करने पर सम्पति प्राप्त होती है।