धर्म-अध्यात्म

पितृ पक्ष के दौरान करें ये एक काम, फटाफट मिलेगा लाभ

Tara Tandi
29 Sep 2023 12:40 PM GMT
पितृ पक्ष  के दौरान करें ये एक काम, फटाफट मिलेगा लाभ
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सनातन धर्म में पितृपक्ष के दिनों को खास बताया गया है जिसका आरंभ आज यानी 29 सितंबर दिन शुक्रवार से हो चुका है और समापन 14 अक्टूबर को हो जाएगा। पंचांग की मानें तो हर साल पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होती है और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त हो जाती है।
श्राद्ध तर्पण कुल 15 दिनों का होता है जिसमें लोग अपने मृत परिजनों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं ऐसा करने से पूर्वजों को आशीर्वाद मिलता है पितृपक्ष के दिनों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा का विधान होता है। ऐसे में अगर आप जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु की अपार कृपा पाना चाहते हैं तो पितृपक्ष में रोजाना प्रभु के 108 नामों का जाप जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से धन, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है साथ ही पितृदोष का भी निवारण हो जाता है।
भगवान विष्णु के 108 नाम—
1. ऊँ श्री प्रकटाय नम:
2. ऊँ श्री वयासाय नम:
3. ऊँ श्री हंसाय नम:
4. ऊँ श्री वामनाय नम:
5. ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:
6. ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:
7. ऊँ श्री प्रभवे नम:
8. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
9. ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
10. ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:
11. ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:
12. ऊँ श्री अक्रूराय नम:
13. ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
14. ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:
15. ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :
16. ऊँ श्री श्रीपतये नम:
17. ऊँ श्री आनन्दाय नम:
18. ऊँ श्री कमलापतये नम:
19. ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:
20. ऊँ श्री महाबलाय नम:
21. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
22. ऊँ श्री सुरेशाय नम:
23. ऊँ श्री ईश्वराय नम:
24. ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:
25. ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:
26. ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:
27. ऊँ श्री योगिनेय नम:
28. ऊँ श्री दयानिधि नम:
29. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
30. ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:
31. ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
32. ऊँ श्री शंख भृते नम:
33. ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:
34. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
35. ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:
36. ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:
37. ऊँ श्री महीधराय नम:
38. ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:
39. ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:
40. ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:
41. ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:
42. ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:
43. ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:
44. ऊँ श्री लोकनाथाय नम:
45. ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:
46. ऊँ श्री एकपदे नम:
47. ऊँ श्री धनुर्धराय नम:
48. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
49. ऊँ श्री केश्वाय नम:
50. ऊँ श्री धनंजाय नम:
51. ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:
52. ऊँ श्री शान्तिदाय नम:
53. ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:
54. ऊँ श्री वाराहय नम:
55. ऊँ श्री नरसिंहाय नम:
56. ऊँ श्री रामाय नम:
57. ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:
58. ऊँ श्री श्रीहरये नम:
59. ऊँ श्री गोपतये नम:
60. ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:
61. ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:
62. ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:
63. ऊँ श्री कृष्णाय नम:
64. ऊँ श्री विश्वातमने नम:
65. ऊँ श्री गोविन्दाय नम:
66. ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:
67. ऊँ श्री दामोदराय नम:
68. ऊँ श्री अच्युताय नम:
69. ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:
70. ऊँ श्री वासुदेवाय नम:
71. ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:
72. ऊँ श्री नर-नारायणा नम:
73. ऊँ श्री जनार्दनाय नम:
74. ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:
75. ऊँ श्री विष्णवे नम:
76. ऊँ श्री केशवाय नम:
77. ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
78. ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:
79. ऊँ श्री परमात्मने नम:
80. ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:
81. ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:
82. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
83. ऊँ श्री माधवाय नम:
84. ऊँ श्री अनन्तजिते नम:
85. ऊँ श्री महेन्द्राय नम:
86. ऊँ श्री नारायणाय नम:
87. ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:
88. ऊँ श्री प्रजापतये नम:
89. ऊँ श्री भूभवे नम:
90. ऊँ श्री प्राणदाय नम:
91. ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:
92. ऊँ श्री सुरेशाय नम:
93. ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:
94. ऊँ श्री सनातन नम:
95. ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:
96. ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:
97. ऊँ श्री एकातम्ने नम:
98. ऊँ श्री शत्रुजिते नम:
99. ऊँ श्री घनश्यामाय नम:
100. ऊँ श्री वामनाय नम:
101. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
102. ऊँ श्री धनेश्वराय नम:
103.ऊँ श्री भगवते नम:
104. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
105. ऊँ श्री परमेश्वराय नम:
106. ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:
107. ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:
108. ऊँ श्री प्रजापतये नम:
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