धर्म-अध्यात्म

आज संध्या के समय करें ये कारगर उपाय

Tulsi Rao
8 Jan 2023 12:34 PM GMT
आज संध्या के समय करें ये कारगर उपाय
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Paush Purnima 2023: दिनांक 06 जनवरी 2023 दिन शुक्रवार यानी की आज पौष पूर्णिमा है. आज के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. वहीं आज से ही माग स्नान शुरु हो गया है. जो व्यक्ति इस माह में स्नान-दान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे पुण्य भी मिलता है. इसके अलावा आज संध्या के समय चंद्रमा के उदय होने के बाद चंद्रदेव की पूजा करें. इससे मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और आपके सुख-समृद्धि, धन और संपत्ति में बढ़ोतरी करती हैं, इसके अलावा आपकी किस्मत भी चमकेगी और घर की दरिद्रता भी दूर हो जाएगी, तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे पौष पूर्णिमा की रात को किए गए अचूक उपायों के बारे में, जिससे आपके जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी और धन-धान्य में बढ़ोतरी भी होगी.

आज संध्या के समय करें ये कारगर उपाय

1.पौष पूर्णिमा की रात को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और इस योग का समय रात 12 बजकर 14 मिनट से लेकर अगले दिन 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. वहीं इसमें लाभ उन्नति का शुभ मुहूर्त रात 09 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 45 तक रहेगा. इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

2. आज आप रात में मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की भी पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं. इससे अलावा आप मखाने का भोग भी लगा सकते हैं.

3. चंद्र देव को खीर का भोग लगाने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है.

4. अगले दिन आप उसी खीर को किसी गरीब ब्राह्मण को दान कर दें, इससे अगर आपके कुंडली में चंद्र दोष होगा, तो वह भी दूर हो जाएगा. चंद्रमा आपके तरक्की के सारे रास्ते खोल देगा.

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से ही वह बेहद प्रसन्न हो जाती है. क्योंकि उस समय मां लक्ष्मी का प्रभाव ज्यादा होता है. आप उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र कर सकते हैं. 'ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:'

इस मंत्र का आप जाप कमलगट्टे की माला से कर सकते हैं. इससे असर जल्द होगा.

चंद्रदेव की करें आरती

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।

दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।

रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।

दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।

सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।

योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।

वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।

प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।

शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।

धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।

विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।

सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।

दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।

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