धर्म-अध्यात्म

गायत्री जयंती पर करें ये आरती, हर मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Teja
4 Jun 2022 11:12 AM GMT
गायत्री जयंती पर करें ये आरती, हर मनोकामनाएं होंगी पूर्ण
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ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है. इस साल गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) 11 जून दिन शनिवार को है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है. इस साल गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) 11 जून दिन शनिवार को है. इस दिन आप मां गायत्री की पूजा करें और गायत्री मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से मानसिंक शांति मिलती है, तनाव दूर होता है. मां गायत्री की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वह प्राण, आयु, शक्ति, धन, कीर्ति आदि देने वाली देवी है. वे सभी वेदों की माता हैं, गायत्री मंत्र ही चारों वेदों का सार है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि गायत्री मंत्र के जाप का तीन समय है. पहला समय सूर्योदय पूर्व से सूर्योदय के बाद तक, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय शाम को सूर्यास्त से पूर्व और उसके बाद तक है.

गायत्री जयंती के अवसर पर आप मां गायत्री की विधिपूर्वक पूजा करें. गायत्री मंत्र का जाप करें, उसके बाद पूजा का समापन गायत्री माता की आरती से करें. हिंदी में गायत्री मां की आरती दी जा रही है, यहां से आप इसे पढ़ सकते हैं.
गायत्री माता की आरती
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥ जयति जय गायत्री…
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री॥ जयति जय गायत्री…
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे॥ जयति जय गायत्री…
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥ जयति जय गायत्री…
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता॥ जयति जय गायत्री…
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे॥ जयति जय गायत्री…
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी॥ जयति जय गायत्री…
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे॥ जयति जय गायत्री…
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै॥ जयति जय गायत्री…
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये॥ जयति जय गायत्री…
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥


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