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धर्म-अध्यात्म
होलिका दहन के दिन करे ये उपाय कार्य करने से मालामाल होते नहीं लगेगी देर
Teja
16 March 2022 12:07 PM GMT
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होली का त्योहार हर साल चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होली का त्योहार हर साल चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन छोटी होली होती है. इस दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है. मान्यता है कि होली से ही बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. इस बार होलिका दहन 17 मार्च, शुक्रवार के दिन किया जाएगा. वहीं होली 18 मार्च को खेली जाएगी. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के बाद उसकी परिक्रमा करने से व्यक्ति के जीवन से दुखों का अंत होता है. आइए जानते हैं
राशि के अनुसार आहुति और परिक्रमा विधि
मेष : मेष राशि के जातक होलिका की अग्नि में गुड़ की आहुति दें. इसके साथ ही होलिका दहन की अग्नि की 9 बार परिक्रमा करें.
वृषभ : वृषभ राशि के अनुसार होलिका दहन की आग में मिश्री की आहुति और 11 बार परिक्रमा करें.
मिथुन : मिथुन राशि के जातक होलिका की अग्नि में कच्चे गेहूं की बाली की आहुति दें और 7 बार परिक्रमा करें.
कर्क : अग्नि में सफेद तिल और चालव की आहुति दें. साथ ही, होलिका की 28 बार परिक्रमा करें.
सिंह : सिंह राशि के जातक लोबान या होलबान की आहुति दें. और फिर 29 बार होलिका की परिक्रमा करें.
कन्या: होलिका दहन के समय अग्नि में पान और हरी इलायची की आहुति दें. साथ ही, 7 बार होलिका की परिक्रमा करें.
तुला : तुला राशि के लोग अग्नि में कपूर की आहुति दें और फिर 21 बार होलिका की परिक्रमा करें.
वृश्चिक : होलिका दहन के समय अग्नि में गुड़ की आहुति दें. इसके बाद 28 बार होलिका की परिक्रमा करें.
धनु : होलिका दहन की अग्नि में चने के दाल की आहुति प्रदान करें. अग्नि में आहुति देने के बाद 23 बार परिक्रमा करें.
मकर: मकर राशि के जातक अग्नि में काले तिल की आहुति दें और फिर 15 बार परिक्रमा करें.
कुंभ : काली सरसों की आहुति और 25 बार अग्नि की परिक्रमा करें.
मीन : होलिका दहन की अग्नि में पीली सरसों की आहुति दें. इसके बाद होलिका की 9 बार परिक्रमा करें.
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