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धर्म-अध्यात्म
घर में लगी तुलसी के इन संकेतों नदरअंदाज ना करें, ये उपाय करें
Teja
2 Jun 2022 8:17 AM GMT
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हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधा का बहुत ही महत्व है। हिंदू धर्म और हिंदू धर्म शास्त्रों में तुलसी को भगवान (Bhagwan) का दर्जा दिया गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधा का बहुत ही महत्व है। हिंदू धर्म और हिंदू धर्म शास्त्रों में तुलसी को भगवान (Bhagwan) का दर्जा दिया गया है और बेहद ही पवित्र भी माना गया है। घर में तुलसी का पौधा (Tulsi Tree) लगाना भी बहुत शुभ होता है और इससे घर का वातावरण पवित्र हो जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार तुलसी के पौधे को रोजाना जल अर्पण करने से दैवीय कृपा बनी रहती है और वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। मान्यता के मुताबिक तुलसी माता (Tulsi Maata) को इंसान का उद्धार करने के लिए ही धरती पर भेजा गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और तुलसी में लक्ष्मी का वास होता है। जिनके घरों में तुलसी का पौधा होता है उनके उपर भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि भी बनी रहती है। तुलसी से घरों में सुख और समृद्धि आती है। वह हर दिन इसकी पूजा करते हैं। सुबह जल चढ़ाते हैं और शाम को दीपक जलाते हैं।
वास्तु शास्त्र में भी तुलसी के पौधे का काफी महत्व है। तुलसी घर में आने वाली मुसीबतों के बारे में संकेत देती है। घर पर कोई मुसीबत आने वाली होती है, तो उस घर से सबसे पहले तुलसी चली जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में तुलसी में होने वाले बदलाव जीवन में शुभ-अशुभ के होने के बारे में संकेत भी देते हैं। इन संकेतों को ध्यान में रखते हुए जल्द उपाय करना चाहिए।
तुलसी देती है ये संकेत
- अगर घर में लगे तुलसी का पौधा अचानक सूखने लगे या फिर पत्ते झड़ने लगे तो तुरंत समझ लेना चाहिए की कोई लीजिए कोई संकट आने वाला है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा सूखने से घर में दुख और दरिद्रता आती है। सूखे पौधे को तुरंत हटाकर उसकी जगह नया तुलसी का पौधा लगा देना चाहिए। ऐसे में जातकों को भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करनी चाहिए।
- अगर घर पर नया तुलसी का पौधा लगाते हैं। वह बार-बार सूख जाती है तो यह पितृ दोष होने का संकेत देता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे में आपको दान करना चाहिए। जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। मंदिर में दान करें। इससे पितृ दोष खत्म हो सकता है।
- वास्तु स्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान या आग्नेय कोण) में लगाना चाहिए। तुलसी को कभी भी पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। तुलसी के पौधे को हमेशा एक कोने में साफ जगह पर रखें।
- रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। न ही पत्तियों को तोड़ना चाहिए। मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी माता भी भगवान विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत करती हैं और उनमें यदि जल चढ़ाया जाता है तो उनका व्रत खंडित हो जाता है और भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त नहीं हो पाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने से जीवन में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। इससे घर में क्लेश बढ़ता है और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।- रविवार के अलवे एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। मान्यता के मुताबिक माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम के साथ हुआ है। इसी वजह से देवउठानी एकादशी के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन काफी धूमधाम के साथ करवाया जाता है। माता तुलसी प्रत्येक एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु के लिए निर्जल व्रत करती हैं।
- मान्यता है कि तुलसी पर जल अर्पित करना बेहद शुभ होता है और इससे घर में सकारात्मकता आती है। तुलसी पर जल चढ़ाते हुए 'ॐ-ॐ' मंत्र का 11 या 21 बार जाप करना शुभ माना जाता है। इससे बुरी नजर से बचाव होता है और घर में धन—धान्य की वृद्धि होती है।
- समय समय पर तुलसी की मंजरियों को तोड़कर तुलसी से अलग करते रहें अन्यथा तुलसी बीमार होकर सूख जाएगी। कहते हैं कि जब तक यह मंजरियां तुलसी माता के शीश पर रहती है तब तक वह घोर कष्ट में रहती है। तुसली पत्ता, दल या मंजरी तोड़ने से पहले तुलसी जी की आज्ञा लेना जरूरी है। रविवार और एकादशी को यह कार्य नहीं करना चाहिए। नाखुनों से तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए।
Teja
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