धर्म-अध्यात्म

शाम के समय करें इन मंत्रों का जाप

Ritisha Jaiswal
19 July 2022 4:21 PM GMT
शाम के समय करें इन मंत्रों का जाप
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शास्त्रों में सुबह और शाम पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. सुबह-शाम को दीपक जलाकर अगर मंत्र जाप किया जाए

शास्त्रों में सुबह और शाम पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. सुबह-शाम को दीपक जलाकर अगर मंत्र जाप किया जाए, तो भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं. शाम के समय दीपक जलाकर किए गए मंत्र जाप का विशेष लाभ बताया गया है. इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है. सिर्फ सुबह ही नहीं बल्कि शाम को भी पूजा का खास महत्व बताया गया है. शाम के समय अगर इन 4 मंत्रों का जाप किया जाए, तो सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

शाम को पूजा का सही समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शाम के समय आसुरी शक्तियों का प्रभाव होता है. ऐसे में शाम के समय की गई पूजा से आसुरी प्रभाव कम किया जा सकता है. वहीं, सुबह की पूजा भगवान को प्रसन्न करने के लिए की जाती है. शाम को पूजन का सही समय सूर्यास्त होने के बाद और अंधेरा होने से पहले का होना चाहिए. इसे संध्या कहा जाता है. और संध्या पूजा इसी समय की जाती है.
शाम के समय करें इन मंत्रों का जाप
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तुते॥
शाम के समय इस मंत्र का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस मंत्र के जरिए दीपक की लौ को प्रणाम किया जाता है. इस मंत्र का अर्थ है- जो शुभ करती है, कल्याण करती है, स्वस्थ रखती है, धन संपत्ति प्रदान करती है. ऐसी लौ को मैं प्रणाम करता हूं.
कीटा: पतङ्गा: मशका: च वृक्षाः
जले स्थले ये निवसन्ति जीवाः
दृष्ट्वा प्रदीपं न च जन्म भाजा:
सुखिनः भवन्तु श्वपचाः हि विप्रा:।।
शाम के समय दीपक जलाने के बाद इस मंत्र का जाप करें. इसका अर्थ है इस दीप के दर्शन जिस भी जीव को हो रहे हैं- चाहे वह कीट-पतंगे हों या पक्षी या फिर पेड़-पौधे. पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव हों या पानी में उन सभी के पाप नष्ट हों. साथ ही, उन्हें जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाए और उसे सदा सुख की प्राप्ति हो.
अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः।
ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम्॥
इस मंत्र का मतलब है मेरे अंदर, बाहर और संसार में फैला हुए प्रकाश का मालिक एक ही है. सभी भी रोशन करने वाला परमात्मा है, शिव है. अतः मैं ये दीपक नियमित रूप से जलाने की शपथ लेता हूं.
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥
शाम को जलने वाले दीपक की लौ ब्रह्म और सत्पुरुषों को समर्पित है. साथ ही, भगवान विष्‍णु को समर्पित है. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह दीपक मेरे पापों को नष्ट करे. हे संध्या के दीपक तुझे मेरा नमन


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