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सनातन परंपरा में धर्म (Dharma), अर्थ, काम और मोक्ष आदि की कामना को पूरा करने के लिए तमाम तरह के व्रत बताए गए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सनातन परंपरा में धर्म (Dharma), अर्थ, काम और मोक्ष आदि की कामना को पूरा करने के लिए तमाम तरह के व्रत बताए गए हैं. व्रत या फिर कहें उपवास की परंपरा हमारे यहां वैदिक काल से चली आ रही है. हमारे तमाम ऋषि, मुनि और संत व्रत-उपवास के माध्यम से तन, मन और आत्मा की शुद्धि करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त करते थे. वर्तमान में भी देवी-देवताओं से जुड़ा व्रत हमारे तमाम तरह के दु:ख-दर्द और दुर्भाग्य को दूर करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य को दिलाने का बड़ा माध्यम माना गया है. आइए जानते हैं कि आखिर सप्ताह के किस दिन व्रत करने पर कौन सी मनोकामना पूरी होती है.
सप्ताह में सोमवार (Monday) का दिन भगवान शिव और चंद्र देवता की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ और समर्पित माना गया है. सोमवार के दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव का व्रत करने से अखंड सौभाग्य और संतान सुख के साथ सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है.
मंगलवार (Tuesday) का दिन महावीर हनुमान जी की साधना-आराधना के लिए समर्पित है. ऐसे में इस दिन संकटमोचक हनुमान जी का व्रत पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखना चाहिए. मंगलवार के दिन व्रत रखने से हनुमत कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन से जुड़ी सारी बाधाएं दूर होती हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. हनुमत साधक को बल-बुद्धि और विद्या समेत सभी सुख प्राप्त होते हैं.
सप्ताह में बुधवार (Wednesday) का दिन प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की साधना-आराधना के लिए सुनिश्चित है. ऐसे में शुभ, लाभ, सौभाग्य और करिअर-कारोबार में तरक्की की मनोकामना को पूरा करने के लिए बुधवार के दिन ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश और बुध ग्रह के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए.
सप्ताह में गुरुवार (Thursday) का व्रत देवताओं के गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की कृपा दिलाने वाला माना गया है. गुरुवार का व्रत करने पर साधक को जीवन में मान-सम्मान, सुख-संपत्ति और वैभव की प्राप्ति होती है. ऐसे में सुख और सौभाग्य की कामना रखने वाले व्यक्ति को गुरुवार का व्रत अवश्य रखना चाहिए.
यदि आपकी मनोकामना है कि आपके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे और आपका दांपत्य जीवन सुखमय बना रहे और साथ ही साथ आप जीवन से जुड़े सभी सुखों का भोग कर सकें तो आपको शुक्रवार (Friday) का व्रत अवश्य करना चाहिए. शुक्रवार का दिन देवी कृपा और शुक्र ग्रह की शुभता को पाने के लिए विशेष रूप से किया जाता है. शुक्रवार का व्रत करने से पुत्र की आयु बढ़ती है.
शनिवार (Saturday) का दिन शनिदेव की साधना के लिए समर्पित है. यदि आपकी कुंडली में शनिदेव अशुभ फल दे रहे हैं तो अपने जीवन से उनकी सनसनी को दूर करने के लिए शनिवार का व्रत विधि-विधान से अवश्य रखना चाहिए.
रविवार (Sunday) का दिन प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव की साधना के लिए समर्पित है. यदि आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्ति की कामना रखते हैं या फिर आपकी कामना है कि आपको भगवान सूर्य के समान तेज और बल प्राप्त हो तो आप रविवार का व्रत जरूर विधि-विधान से करना चाहिए. रविवार का व्रत करने साधक को जीवन में सौभाग्य और आरोग्य का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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