धर्म-अध्यात्म

चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग असफलता और हानि का करते हैं सामना

Teja
12 Feb 2022 7:23 AM GMT
चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग असफलता और हानि का करते हैं सामना
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आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में बात की जाए, तो बता दें कि साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य ( Chandragupta Maurya ) ने भी उनके विचारों अपनाकर मगध साम्राज्य पर राज किया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में बात की जाए, तो बता दें कि साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य ( Chandragupta Maurya ) ने भी उनके विचारों अपनाकर मगध साम्राज्य पर राज किया था. उनकी नीतियां इतनी प्रभावी थी कि नंद वंशा का नाश भी इन्हीं की मदद से हुआ. चाणक्य को केवल राजनीति ही नहीं समाज (Society) के भी हर एक विषय की गहराई से जानकारी और परख थी. आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना भी की है, जिसमें उन्होंने समाज के लगभग हर एक विषयों से संबंधित जरूरी बातों का जिक्र किया है. आचार्य चाणक्य ( Chanakya Niti ) के नीति ग्रंथ में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई अहम बातों का उल्लेख किया गया है.

लाइफ कोच कहे जाने वाले चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि व्यक्ति का कैसा व्यवहार उसे जीवन में सुख और समृद्धि का माहौल दे सकता है. आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में भी बताया है, जो अक्सर हानि और असफलता को झेलते हैं. जानें ऐसे लोगों के बारे में…
टाइम का महत्व
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो लोग समय का महत्व नहीं समझते हैं, उन्हें अक्सर असफलता हाथ लगती है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग, जल्द ही परेशानियों से घर जाते हैं. दरअसल, एक बार निकला हुआ समय, लौटकर नहीं आता. करियर और स्टेबल लाइफ के लिए हर एक पल कीमती है और इस बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
गुस्सा
आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. जो लोग क्रोध पर काबू नहीं कर पाते हैं, उन्हें हानि का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों को असफलता भी परेशान करती है. दरअसल, क्रोध में डूबे रहने वाले व्यक्ति को लोग पसंद नहीं करते. साथ ही ऐसे लोगों के साथ लोग बैठना-उठना भी पसंद नहीं करते हैं.
आय से ज्यादा खर्च
चाणक्य के अनुसार हम सभी को अपनी आमदनी के मुताबिक ही खर्च करने चाहिए. अक्सर लोग अपनी आय से ज्यादा खर्चा करना शुरू कर देते हैं. उनकी इस आदत के कारण उन्हें एक समय पर आर्थिक तंगी के हालातों का सामना करना पड़ सकता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पैसा जमा करना चाहिए, क्योंकि यहीं एक समय पर काम आता है.
धन की बर्बादी
चाणक्य नीति के अनुसार धन की देवी मां लक्ष्मी है. लक्ष्मी जी चंचल स्वभाव की होती हैं. वे कभी एक स्थान पर टिक कर नहीं रहतीं. यदि मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन की प्राप्ति हुई है तो उस धन को बर्बाद नहीं करना चाहिए. किसी भी साधन का गलत ढंग से प्रयोग करने से उसका अस्तित्व समाप्त होने लगता है.


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