धर्म-अध्यात्म

चाणक्य के अनुसार इन 4 स्त्रियों से शादी करने से बचना चाहिए

Tara Tandi
26 March 2021 12:30 PM GMT
चाणक्य के अनुसार इन 4 स्त्रियों से शादी करने से बचना चाहिए
x
आचार्य चाणक्य एक महान कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ व महान शिक्षाविद थे। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर प्रकाश डाला है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य एक महान कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ व महान शिक्षाविद थे। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर प्रकाश डाला है। चाणक्य ने धर्म, न्याय, दोस्ती, दुश्मनी, विवाह, धन और तरक्की आदि से जुड़ी कई नीतियों का वर्णन किया है। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए महिलाओं के स्वभाव के बारे में बताया है। चाणक्य बताते हैं कि व्यक्ति को विवाह करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। चाणक्य के अनुसार, किन तीन तरह की औरतों से विवाह नहीं करना चाहिए

1. सुंदरता ही सब कुछ नहीं- चाणक्य कहते हैं कि स्त्रियों की सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती है। अगर कोई पुरुष सुंदरता के आधार पर विवाह करता है, तो सकता है कि बाद में उसे पछताना पड़े। चाणक्य कहते हैं कि हो सकता है कि स्त्री की सुंदर काया के साथ ही उसका मन काला हो। ऐसे में व्यक्ति को आने वाले समय में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
2. संस्कार धर्म- चाणक्य के अनुसार, अच्छे संस्कार वाली स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है। लेकिन बुरे संस्कार वाली स्त्री परिवार में तनाव पैदा करती है। जिसके कारण आपसी कलह हो सकती है। चाणक्य कहते हैं कि जिस स्त्री में संस्कारों की कमी हो, ऐसी स्त्री से विवाह करने से बचना चाहिए।
चाणक्य नीति: इन छोटी-छोटी गलतियों से व्यक्ति हो जाता है बर्बाद, आप भी जान लें बचाव
3. नकारात्मक विचार- चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों का मोल सर्वोत्तम होता है। रिश्ते में बैलेंस बनाकर रखने के लिए पति-पत्नी को तालमेल बनाना जरूरी होता है। नीति शास्त्र के अनुसार, जो स्त्रियां बात-बात पर झगड़ाकर रिश्ता खत्म करने की बात कहती है। ऐसी स्त्री परिवार में नकारात्मकता लाती हैं और दुख पहुंचाती हैं।
4. लोभी- चाणक्य के अनुसार, धन को प्राप्त करने की लालसा रखने वाली महिलाओं से बचना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि जिन महिलाओं का स्वभाव लोभी होता है, वह अच्छे-बुरे का अंतर नहीं करती है। इस स्वभाव की महिलाएं खुले हाथ से पैसे खर्च करती हैं। चाणक्य कहते हैं कि पैसों को हमेशा सोच-समझकर ही खर्च करना चाहिए।
"वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।"
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि विवाह के लिए किस तरह की स्त्री को चुनना चाहिए और किस तरह की स्त्री से दूर रहना चाहिए। चाणक्य का मानना है कि विवाह के लिए हमेशा संस्कारी और समझदार स्त्री का ही चुनाव करना चाहिए।


Tara Tandi

Tara Tandi

    Next Story