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बात करते हैं दिशा की कि किस दिशा में शमी का पौधा लगाना चाहिए
कई ऐसे पेड़ पौधे है जिन्हें वास्तु शास्त्र में शुभ फलदायी माना गया है। जैसे कि तुलसी का पौधा, आंक का पौधा ऐसा ही एक पौधा और है जिसे शमी कहते है। शमी के पौधे का वास्तु शास्त्र में काफी महत्व है। कहते है कि इस पौधे का सीधा संबंध भगवान शनिदेव से है। यह पौधा भगवान शनि का प्रिय पौधा है। जो भी व्यक्ति इस पौधे को अपने घर में लगाता है इससे उसके घर का वास्तु दोष ठीक होता है और साथ ही शनि दोष से भी राहत मिलती है। जानते है की शमी के पौधे को कब, कहा और कैसे लगाना शुभ होता है।
शमी का पौधा आप चाहे तो जमीन या गमले में लगा सकते हैं। शमी का पौधा शनिवार के दिन लगाना चाहिए। तिथि की बात करें तो विजयादशमी की तिथि शमी का पौधा लगाने के लिए सबसे शुभ तिथि मानी जाती है। शमी का पौधा आप अपने घर के मुख्यद्वार पर लगाएं इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी।
बात करते हैं दिशा की कि किस दिशा में शमी का पौधा लगाना चाहिए। जब हम शमी का पौधा अपने घर के मुख्यद्वार पर लगाए तो यह ध्यान रखें कि जब आप घर से बाहर निकले तो यह पौधा आपके दाहिने हाथ की तरफ पड़े। आप किसी भी कारण से पौधा घर के बाहर नहीं लगा सकते हैं तो आप इसे घर की छत पर भी लगा सकते हैं छत पर लगाने के लिए दक्षिण दिशा या फिर पूर्व दिशा सबसे शुभ रहती है। संभव हो तो ईशान कोण में शमी का पौधा लगाएं यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
शमी का पौधा लगाने के साथ साथ उसके आसपास की सफाई का भी बहुत ध्यान रखना होता है। शमी के पेड़ की पूजा की जाती है इसलिए इसके रख रखाव का खास ध्यान रखा जाता है।
बात करते हैं शमी के पौधे से जुड़े कुछ उपायों के बारे में
यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो आर्थि समस्या से जूझ रहा है उसके पास धन की कमी रहती है तो ऐसे व्यक्ति को शमी के पौधे में रोज़ जल चढ़ाने चाहिए और उसकी पूजा करनी चाहिये इससे कभी धन की कमी नहीं होगी भगवान लक्ष्मी की कृपा जल्द ही प्राप्त होगी। जो व्यक्ति शमी का पौधा लगा रहा है यदि वह पौधा लगाते समय जड़ में एक सुपारी और ₹1 का सिक्का दबा देता है और उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करते है तो इससे महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है
यदि किसी व्यक्ति के विवाह में देरी होती है तो उसे 45 शनिवार शमी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए कहते हैं इससे विवाह में जो भी आ रही दिक्कत है वह दूर हो जाती है और व्यक्ति के जल्द ही शुभ विवाह के योग बनने लगते हैं
शनि देव की बात हो और उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या की चाल का जिक्र न हो ऐसा तो शायद ही संभव है। शनिदेव की ढैया और साढ़ेसाती से सभी को डर लगता है। जिन लोगों पर शनिदेव की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही हैं उन्हें रोजाना शमी के पौधे की पूजा करना चाहिए। सुबह को शमी के पौधे में जल चढ़ाना चाहिए और शाम को घी का दीपक जलाना चाहिए साथ ही पेड़ के नीचे काली उड़द की दाल और काले तिल अर्पित करें इससे आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के पड़ रहे बुरे प्रभाव कम होंगे।
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Apurva Srivastav
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