- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- अयोध्या की 84 कोसी...
धर्म-अध्यात्म
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा, 17 अप्रैल से शुरू होगी भक्त ऐसे कर सकेंगे यात्रा
Teja
7 April 2022 11:06 AM GMT
x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एक बार फिर से अयोध्या धाम में राम जन्मभूमि की 84 कोसी परिक्रमा शुरू होने जा रही है। यह परिक्रमा 17 अप्रैल से शुरू होकर 8 मई तक चलेगी। यह परिक्रमा उत्तर प्रदेश के पांच जिलों बस्ती, अयोध्या, अंबेडकरनगर, गोंडा, बाराबंकी से होकर गुजरती है। इसका समापन 8 मई को अयोध्या में ही होगा।
इस बार यह परिक्रमा दो साल बाद निकालने जा रही है। साल 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते चौरासी कोसी परिक्रमा नहीं निकाली जा सकी थी। परिक्रमा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिलाधिकारी ने तहसीलवार मजिस्ट्रेटों की तैनाती भी कर दी है।
पौराणिक ग्रंथों में मखभूमि के तीर्थ का बड़ा ही महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक अवधपुरी धाम की 3 परिक्रमा अनंत काल से चली आ रही हैं। जिसमें 5 कोशी, 14 कोसी व 84 कोसी परिक्रमाओं का व्याख्यान है। धार्मिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अवध धाम की 84 कोसी परिक्रमा करने का अपना विशेष धार्मिक महत्व है
धार्मिक मान्यता है कि 84 कोसी परिक्रमा करने वाले जीव को 84 लाख योनियों के भय बंधन से मुक्ति मिल जाती है। अवध की शास्त्रीय सीमा को 84 कोसी परिक्रमा यात्रा कहा जाता है। 84 कोसी परिक्रमा करने वाले साधु संत और अन्य लोग दिन में केवल एक बार अनाज का सेवन करते हैं।
परिक्रमा करने वाले तीर्थ यात्रियों का प्रथम प्रणव बस्ती के रामरेखा स्थित मंदिर में होता है तथा अगले दो अन्य पड़ाव बस्ती के दुबौलिया ब्लाक स्थित हनुमान बाग और अयोध्या जनपद के श्रृंगी ऋषि आश्रम में निर्धारित है।
अवध धाम हनुमान मंडल समित के द्वारा 84 कोसी परिक्रमा करने वाले यात्रियों तथा साधु-संतों का अयोध्या धाम के कारसेवक पुरम में पंजीकरण शुरू हो गया है। 84 कोसी परिक्रमा करने के लिए पंजीकरण होना जरूरी है। साथ ही साधु संत हनुमान मंडल समिति के द्वारा 84 कोसी परिक्रमा में हिस्सा लेते हैं। इस समूह में सबसे आगे एक विशाल ध्वज लाल रंग का चलता है जिसमें हनुमान अंकित होते हैं, यही परिक्रमा के समय 84 कोसी परिक्रमा करने वाले साधु संतों की टोली की पहचान होती है।
Next Story